भारत अपनी चिरकालिक महान संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है – सुनील आंबेकर जी

शिमला (विसंकें). अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर जी ने सुनील उपाध्याय के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कर्तव्यनिष्ठा के लिए अगर किसी चरित्र को जाना गया है तो वह स्व. सुनील उपाध्याय रहे हैं. आज भी एबीवीपी के इस अमर सिपाही को उनके संगठन में जान फूंकने का काम करने के लिए जाना जाता है. शिमला के गेयटी थियेटर में सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्य वक्ता सुनील आंबेकर जी तथा विशिष्ट अतिथि प्रो. नागेश ठाकुर रहे.
देश की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए सुनील आंबेकर जी ने कहा कि आज देश में राष्ट्र से प्रेम करने वाले और राष्ट्र से द्रोह करने वाले लोग आमने-सामने आ गये हैं. देश में घटी कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पहले लोग इनके छद्म कृत्यों से परिचित नहीं थे, लेकिन अब सब लोग इन लोगों के असली चेहरों को समझ रहे हैं. हमारे पास उपाध्याय जैसे लोग भी रहे हैं, जिन्होंने देशहित की भावना को सर्वोपरि स्थान दिया. देशहित की भावना के कारण ही वे संगठन को मजबूत कर पाये. संस्कृति पर कहा कि यह देश अपनी चिरकालिक महान संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है. विश्व के लोगों के लिए यह देश गुरू रहा, जहां से पूरे संसार में संस्कृति के महान गुणों का विकास हुआ. आज शिक्षा प्रणाली में पसरी कुछ ताकतें देश की सही तस्वीर लोगों के सामने नहीं आने देना चाहतीं. उन शक्तियों के विरूद्ध लोगों को लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहना पड़ेगा.
स्व. सुनील उपाध्याय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि छोटी सी आयु में जम्मू से आयेसाथ ही राष्ट्रभक्ति व संगठन कार्य कुशलता के बेजोड़ नमूने के कारण हिमाचल प्रदेश में एबीवीपी के काम की नींव रखी. सुनील उपाध्याय एक सत्यनिष्ठ व कुशल संगठन के कार्यकर्ता थे. संगठन के प्रति उनका बलिदान अभूतपूर्व रहा. वर्तमान की शिक्षण पद्धति के बारे में आचार्य देवव्रत ने कहा कि आज की शिक्षा में संस्कारों का स्थान निरंतर कम हो रहा है. ऐसे में आज इस बात की आवश्यकता है कि देश में संस्कारों को प्रमुखता दी जाये. उन्होंने कहा कि अगर हमें विश्व गुरू के स्थान पर पुनः प्रतिष्ठित होना है तो हमको अपनी पुरातन संस्कृति को सहेज कर रखना होगा. कार्यक्रम में सुनील उपाध्याय के छोटे भाई अनिल उपाध्याय को भी सम्मानित किया गया. संगोष्ठी के दौरान नागेश ठाकुर ने राष्ट्रवाद व वर्तमान की शिक्षा नीति पर प्रकाश डाला. राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने समाजसेवियों को ट्रस्ट के माध्यम से सम्मानित किया.

Tuesday, November 29, 2016

आतंक की कमर तोड़ने को बजरंग दल जुटेगा नकदी विहीन (Cashless) व्यवहार में – डॉ. सुरेन्द्र जैन

नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल ने नकदी विहीन व्यवहार (Cashless Transactions) का स्वागत करते हुए अपने कार्यकर्ताओं को इसका प्रशिक्षण देने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्णय लिया है. विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने कहा कि स्वयं प्रशिक्षण लेने के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता देश के नागरिकों को इस विषय में जागरूक करेंगे और आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान करेंगे. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये प्रयास काले धन के विरुद्ध लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे. यह लड़ाई केवल सरकार की नहीं, अपितु संपूर्ण देश की है. जिसमें देश की जनता ने अब भाग लेने की ठान ली है.
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ. जैन ने कहा कि 1000 व 500 रुपए के नोटों को समाप्त करने के सुपरिणाम सामने आने लगे हैं. आतंकवाद, नक्सलवाद, तस्करी और कालाधन पर लगाम लगी है. सामान्य जनता को कठिनाइयां अवश्य हुई हैं, जिनका समाधान भी हो रहा है, यह दिखाई देने लगा है. जनता की सुविधाओं और काले धन के विरुद्ध लड़ाई में नकदी विहीन व्यवहार (Cashless Transactions) एक महत्वपूर्ण कदम है. आर्थिक लेनदेन में पारदर्शिता देश के विकास के लिए भी आवश्यक है.
प्रैस वार्ता में बजरंग दल के राष्ट्रीय सहसंयोजक मनोज वर्मा भी उपस्थित थे. उन्होंने घोषणा की कि काले धन के विरुद्ध इस लड़ाई में देश की युवा शक्ति साथ में है. बजरंग दल के लाखों कार्यकर्ता देश भर में युवकों को नकदी विहीन व्यवहार का प्रशिक्षण देकर इस अभियान को सफल बनाएंगे.