तनोट राय माता के मंदिर में सरसंघचालक
सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष रूप से पाई जाने वाली सेवन घास को भी देखा और उसको विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया. उल्लेखनीय है की सेवन घास गाय के लिए उत्तम पौष्टिक आहार माना जाता है
मोहन जी भागवत ने लोगेवाला सीमा पर हिंदुस्तान के जवानों द्वारा पकडे गए टैंको को भी देखा.
सरसंघचालक जी की अगवानी सीमा सुरक्षा बलों के अधिकारीयों ने की. सीमा सुरक्षा बलों के अधिकारीयों से वार्तालाप करते हुए सरसंघचालक जी ने अधिकारीयों एवं जवानों के त्याग की भरी भूरी प्रशंसा की. अधिकारीयों ने भी सीमा जन कल्याण समिति के कार्यकर्ताओ द्वारा किये जाने वाली विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा की समिति के कार्यकर्त्ता अपने कार्यक्रमों से जवानों का उत्साहवर्धन करते रहते है. सुरक्षा बलों के अधिकारीयों ने सीमा जन कल्याण समिति द्वारा हर वर्ष जवानों को रक्षाबंधन के अवसर पर रक्षा सूत्र बांधने के कार्यक्रम की प्रशंसा की.
सरसंघचालक के साथ क्षेत्र प्रचारक दुर्गादास जी, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख नन्दलाल जी, प्रान्त प्रचारक मुरलीधर जी तथा सीमाजन कल्याण समिति के संघटन मंत्री नीम्ब सिंह जी भी थे.
मोहन जी भागवत को सीमाजन कल्याण समीति के संघटन मंत्री नीम्ब सिंह जी ने पश्चिमी राजस्थान की सीमाओ और उनसे जुड़े विषयों की जानकारी दी.
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