राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी की उपस्थिति में गंगा को निर्मल बनाने के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया. इस विचार मंथन में अनेक विद्वतजनों ने गंगा नदी को टिहरी बांध से हुई क्षति पर चिंता व रोष प्रकट किया. भविष्य में गंगा जल की गुणवत्ता बनी रहे इस हेतु गंगा तट के गांवों व नगरों में बड़ा अभियान चला कर जागरूकता बढ़ाने का निर्णय लिया गया. गंगा में महानगरों की गंदगी गिरने से रोकने के लिये जनता को तैयार करने एवं इसके लिए कल-कारखानों पर अंकुश लगाने पर बैठक में जोर दिया गया. गंगा तट पर अंत्येष्टि कर्म से होने वाली गंदगी कम से कम हो इसके लिए लोगों को तैयार लिया जायेगा. गंगा के प्रवाह क्षेत्र में अतिक्रमण रोकने हेतु बैठक में सहमति बनी कि इसके लिए अभियान चलाया जाये जिससे गंगा को विस्तृत रूप दिया जा सके. गंगा को अंतर्स्थलीय जल मार्ग के रूप में बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों को इससे रोजगार प्राप्त हो इस पर भी सहमति बनी, इसके लिए इस मंथन बैठक में तैयार एक्शन प्लान केंद्र सरकार को प्रेषित करने का निर्णय लिया गया.
बैठक में विहिप व किसान संघ जैसे अनुसंगिक संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. गंगा के अलावा सहयोगी नदियों को भी स्वच्छ व अविरल करने का विस्तृत प्लान तैयार करने का निर्णय भी लिया गया.
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