मेरठ. केशव भवन पर सन्त रविदास जयंती के अवसर पर अपने विचार रखते हुए डा. नवीन गुप्ता ने कहा कि सन्त रविदास सन्त रामानन्द की शिष्य परम्परा के अदभुत मोती थे. इसी क्रम में डा. विघनेश त्यागी ने कहा कि रविदास जैसे सन्तों के त्याग और बलिदान के कारण ही हमारा समाज आगे बढ़ रहा है, सन्त रविदास ने कभी भी अपने जूते बनाने के कार्य को छोटा नहीं समझा तथा सम्पूर्ण जीवन इस कार्य को करते रहे.
मुख्य वक्ता राष्ट्रदेव के सम्पादक अजय मित्तल ने कहा कि सिकन्दर लोदी जैसे आताताई की क्रूरता को उन्होंने अपने आघ्यात्मिक बल के आधार पर बहुत ही निडरतापूर्वक टक्कर दी, उनकी भक्ति का प्रताप पूरे देश तथा सभी वर्गों में छाया हुआ था, चित्तौड के राणा परिवार की महारानी मीरा भी उनकी शिष्या बनी, जिसे हम मीराबाई के नाम से जानते हैं. सिकन्दर लोदी के शासनकाल में हिन्दुओं को जोर जबरदस्ती मुस्लिम बनाने का कार्य बहुत तेजी से चल रहा था, ऐसे कठिन समय में भी रविदास जी ने हिन्दूओं को मतान्तरित होने से रोकने के साथ साथ घर वापसी के कार्य को भी बहुत तेजी से आगे बढ़ाया.
कार्यक्रमाध्क्ष डा. वीके मल्होत्रा ने कहा की हिन्दुओं के प्रसन्न रहने का कारण सन्तों के द्वारा प्रदान की गयी आघ्यात्मिक शक्ति ही है, सन्त रविदास जी के विचारों को आज जन-जन तक पहुंचाने की प्रबल आवश्यकता है.
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