Thursday, March 15, 2012

समस्याओं पर हल ढूंढते समय लोगों में दूरियां निर्माण ना हो : मनमोहन जी वैद्य


नागपुर, १५ मार्च २०१२: देश के विविध प्रांतों में जल, राज्यों की सीमाएँ, भाषा आदि विषयों पर से कई विवाद हैं। इनसे स्थानीय लोगों में नाराजी भी हो सकती है, परंतु इन समस्याओं पर हल ढूंढते समय इन लोगों में मनमुटाव और दूरियां निर्माण ना हो, इस बात को ध्यान रखना जरूरी है, और इसी संदर्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधी सभा एक प्रस्ताव लाएगी, यह जानकारी संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन जी वैद्य ने आज यहाँ दी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सर्वोच्च निर्णय संस्था मानी जाने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधी सभा की बैठक कल, शुक्रवार १६ मार्च से नागपुर में शुरू हो रही है। यह बैठक तीन दिन चलेगी। इस बारे में जानकारी देने के लिए आज, इस बैठक के पूर्वसंध्या पर शाम ५ बजे डॉ. मनमोहन जी वैद्य ने एक पत्रकार परिषद को संबोधित किया।
उन्होंने बताया कि, हर तीन साल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह का चुनाव होता है, और यह इस बैठक का एक विषय यह भी है। संघ के सरकार्यवाह पद के चुनाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि, यह चुनाव १७ मार्च को होने की संभावना है। अगले साल भर में किए जाने वाले संघ के कार्यक्रमों के बारे में भी इस बैठक में चर्चा होगी और उचित निर्णय लिए जाएँगे। वर्ष २०१३-१४ यह स्वामी विवेकानंद जी का सार्ध जन्मशताब्दी (१५० वी जयंती) वर्ष है। इस पूरे साल में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जानेवाला है, जिसके लिए एक समिती का गठन भी किया जा चुका है। इन कार्यक्रमों की सिद्धता के बारे में भी इस बैठक में विस्तार रूप से चर्चा की जाएगी। कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद केंद्र के नेतृत्व में ही सार्ध जन्मशताब्दी वर्ष के सारे कार्यक्रम किए जाएँगे, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।
देश की नदियाँ आपस में जोडने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्रीय सरकार को निर्देश दिए है, इस ओर ध्यानाकर्षण करते ही डॉ. वैद्य ने बताया कि, उस विषय पर भी इस बैठक में विचार विमर्श होकर उपरोल्लेखित प्रस्ताव में उसका समावेश किया जा सकता है। अखिल भारतीय प्रतिनिधी सभा के पूर्व, रा. स्व. संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक होती है, जो आज हुई, यह भी जानकरी उन्होंने दी।

इस प्रतिनिधी सभा के लिए पूरे देश से १४०० प्रतिनिधि नागपुर में आना अपेक्षित है, ऐसी भी जानकारी डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने दी।

No comments: