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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक
२-४ नवम्बर २०१२, चेन्नई - तमिलनाडु
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक
२-४ नवम्बर २०१२, चेन्नई - तमिलनाडु
प्रस्ताव क्र. १
असम
की हिंसा तथा
बंगलादेशी घुसपैठियों की राष्ट्रव्यापी चुनौती
जुलाई 2012 में असम के कोकराझार,
चिरांग व धुबड़ी जिलों में बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों के कारण उत्पन्न
अशांति और उसके पश्चात देश के विभिन्न नगरों में हुए हिंसक प्रदर्शनों तथा देश के विभिन्न भागों में शांति के साथ रह रहे उत्तर-पूर्वांचल
के लोगों के मध्य षड़यंत्रपूर्वक भय और आतंक फैलाकर उन्हें वहां से पलायन के लिए विवश करने जैसे सभी कृत्यों की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल घोर निंदा
करता है तथा इन सभी घटनाओं को देश के लिए एक गंभीर चुनौती मानता है | असम व निकटवर्ती क्षेत्रों में अनवरत बढ़ रही घुसपैठ से एक गंभीर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है
|
सन 2003 में केंद्र एवं प्रदेश
सरकारों के साथ हुए एक समझौते के परिणामस्वरूप बने बोडोलैंड टेरीटोरिअल एरिया डिस्ट्रिक्ट
( BTAD ) के चारों
जिलों में भी, बड़ी संख्या में घुसपैठिये बस
गये हैं |
इन घुसपैठियों के कारण वहाँ के
सामाजिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक ,आर्थिक, धार्मिक एवं राजनीतिक वातावरण पर दूरगामी दुष्प्रभाव हुए
हैं | बोडोलैंड टेरीटोरिअल
कौंसिल ( BTC ) में आरक्षण
की मांग करने वाले मुसलमानों ने 29 मई 2012 को बंद का आवाहन किया| देश के कुछ राजनीतिक दलों द्वारा दिये गये मुस्लिम आरक्षण के असंवैधानिक
आश्वासनों ने आग में घी का काम किया |
20 जुलाई को चार बोडो युवकों की मुसलमानों द्वारा की गयी निर्मम हत्या ने स्थिति
को नियंत्रण से बाहर कर दिया | इसके बाद भड़की हिंसक घटनाओं में सरकारी आकड़ों के अनुसार 90 लोग मारे गये और चार लाख से अधिक लोग विस्थापित होकर राहत
शिविरों में आ गये
| इन राहत शिविरों में भी बड़ी संख्या में रह रहे घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें निष्कासित करना आवश्यक है | इस दृष्टि से असम में,
समाज के अनेक जनसंगठनों द्वारा एक मंच पर आकर, घुसपैठियों का वहां पुनर्वास नहीं होने देने का सामूहिक संकल्प भी सराहनीय है |
वस्तुतः, निहित स्वार्थ वाले राजनीतिक दलों व मुस्लिम घुसपैठियों के प्रति सांप्रदायिक सहानुभूति रखनेवाले स्थानीय निवासियों के अवैध सहयोग व समर्थन के कारण ये घुसपैठिये वहां जमीन, जंगल , रोजगार के अवसरों व अन्य संसाधनों को हथियाने से लेकर स्थानीय राजनीति में अपना वर्चस्व तक बनाने में सफल हो रहे हैं | इन घुसपैठियों को सहयोग व समर्थन दे रहे ऐसे तत्वों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई आवश्यक है |
अ.भा.
कार्यकारी मंडल असम की घटनाओं को विशेषकर एवं बंगलादेशी घुसपैठियों के मुद्दे को एक मुस्लिम मुद्दे के रूप में प्रस्तुत करने के प्रयासों की निंदा करता है | कुछ नेताओं द्वारा मुसलमानों में कट्टरवाद की नई लहर उभरने जैसे संसद के अन्दर व बाहर दिए गए उत्तेजक वक्तव्यों और
केवल मुस्लिम समाज के सांसदों का हिंसाग्रस्त क्षेत्र के कुछ ही चुने हुए शिविरों के दौरों द्वारा देश में मूलतः, एक स्थानीय बनाम विदेशियों के मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने के प्रयासों की सभी राष्ट्रीय दृष्टि रखनेवाले वर्गों द्वारा निंदा करनी चाहिये |
असम की घटनाओं को लेकर मुंबई ,
प्रयाग, लखनऊ, कानपुर, बरेली, अहमदाबाद, जोधपुर आदि अनेक स्थानों पर मुस्लिम कट्टरपंथी तत्वों द्वारा
हुए पूर्वनियोजित उग्र और हिंसक प्रदर्शनों ने देश की जनता को चिंता में डाल
दिया है | मुंबई में हिंसक प्रदर्शनकारियों ने न केवल प्रसार माध्यमों से जुड़े लोगों
तथा सामान्य नागरिकों के ऊपर आक्रमण करने, पुलिस कर्मियों के शस्त्र लूटने तथा राष्ट्रीय स्मारकों को अपमानित
कर उन्हें तोड़ डालने जैसे दुस्साहस किये, अपितु महिला पुलिस कर्मियों को भी निशाना बनाकर अपमान व दुर्व्यवहार
किया | यह और भी गंभीर
विषय है कि, प्रशासन न तो इन घटनाओं का पूर्व
आकलन कर सका और न ही दोषी तत्वों को ढूंढ कर उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई करने की इच्छाशक्ति दिखा रहा है | अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल इन सभी घटनाओं की घोर भर्त्सना करता
है |
इसी कड़ी में राष्ट्रद्रोही तत्वों
ने देश के विभिन्न स्थानों पर रह रहे उत्तर-पूर्वांचल के लोगों को प्रत्यक्ष व संचार
माध्यमों द्वारा धमकाना
भी शुरू कर दिया कि रमजान के बाद उनसे बदला लिया
जायेगा | परिणामस्वरूप
पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई आदि स्थानों से बड़ी संख्या में लोग अपने घरों की ओर पलायन
करने को विवश हो गये | इस संकट के समय, राष्ट्रीय एकात्मता की उत्कृष्ट भावना तथा अपने दायित्व का
परिचय देते हुए स्थान-स्थान पर हजारों देशभक्त खड़े हो गये, जिन्होंने भय से आतंकित लोगों को सभी प्रकार की सुरक्षा
एवं सहायता देने के साथ-साथ
उन्हें अपना स्थान न छोड़ने का आग्रह किया |
इसी कारण भय की यह लहर देश के
अन्य स्थानों पर बढ़ने से रुक गयी तथा उत्तर पूर्वांचल के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा |
अ.भा. कार्यकारी
मंडल इन सभी देशवासियों की सराहना करता है और साथ ही उत्तर-पूर्वांचल के लोगों को यह विश्वास दिलाता है कि देश की जनता उनके साथ खड़ी
है | अ.भा. का. मंडल सरकार से यह भी मांग करता है कि भय फैलाने वाले राष्ट्रविरोधी तत्वों को ढूंढ कर
उन्हें कठोरतापूर्वक दण्डित करे |
घुसपैठ का पोषण करनेवाले आइ.एम्.ड़ी.टी. ( Illegal Migrant Determination by Tribunals ) एक्ट 1983 को सर्वोच्च न्यायलय द्वारा अवैध घोषित करने व दिल्ली, गुवाहाटी उच्च न्यायालयों द्वारा घुसपैठियों को बाहर करने के
निर्देश तथा जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बार-बार समस्या की
गंभीरता के प्रति ध्यान आकर्षित करने के बाद भी केंद्र तथा अनेक प्रदेश सरकारें वोट बैंक की राजनीति के चलते घुसपैठियों पर दृढ़ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बढ़ावा ही
दे रही हैं | इन बंगलादेशी
घुसपैठियों ने आज सारे देश में अपना विस्तार कर लिया है |
ये घुसपैठिये जनसंख्या के
संतुलन को बिगाड़ने के साथ-साथ अनेक प्रकार
की आपत्तिजनक एवं अवैध गतिविधियों में लिप्त होकर देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर संकट
बन गये हैं | नकली भारतीय
मुद्रा का प्रसार, अवैध
शस्त्रों का व्यापार, ड्रग्स तथा गौ धन की तस्करी और अन्यान्य आपराधिक कार्यों में लिप्त ये लोग आइ.एस.आइ.
(ISI) की गतिविधियों के भी साधन बन
गये हैं |
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल केंद्र
सरकार तथा सभी राज्य सरकारों से यह मांग करता है कि, विदेशी नागरिक
अधिनियम 1946 ( Foreigners Act 1946 ) के अनुसार, तथा सर्वोच्च न्यायालय सहित विविध न्यायालयों के आदेशों के
प्रकाश में बंगलादेशी घुसपैठियों की सम्पूर्ण देश में सूक्ष्मता से पहचान कर इन्हें
नागरिकों को देय सुविधाओं से वंचित करते हुए देश से तत्काल निष्कासित करें |
जिन घुसपैठियों ने अपने नामों को
मतदाता सूची में शामिल करवा लिया है उनको वहां से तुरंत हटाया जाना भी अति आवश्यक है |
यह भी ध्यान रखना होगा कि, असम में हिंसा से विस्थापितों का पुनर्वास करते
समय घुसपैठियों को इन क्षेत्रों
में पुनः न बसा दिया जाये और कोई घुसपैठिया आधार कार्ड न बनवाने पाये | अ.भा का. मंडल सरकार से यह भी मांग करता है कि भारत बंगलादेश सीमा पर बाड़ लगाने का अधूरा कार्य
अविलम्ब पूरा किया जाये तथा राष्ट्रीय
नागरिक पंजिका ( National Register of Citizens ) को पूर्ण कर व्यवस्थित किया जाये
|
अ.भा.का. मंडल देशभक्त नागरिकों से यह आग्रह करता है कि इस समस्या को
राष्ट्रीय समस्या मानकर स्थान -स्थान पर इन विदेशी घुसपैठियों की पहचान तथा इनको मतदाता सूचियों से बाहर
निकालने के कार्य में सक्रिय भूमिका निभायें तथा यह भी स्मरण रखें कि विदेशी घुसपैठियों को किसी प्रकार के काम या रोजगार देना गैर कानूनी ही नहीं अपितु देश के लिए
घातक भी है |
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