राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अफजल गुरू का शव उसके परिजनों को सौंपे जाने के लिए पाकिस्तान की संसद में पारित प्रस्ताव की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए कहा कि यह भारत के आंतरिक मामलों के साथ देश की सम्प्रभुता और सार्वभौमिकता पर सीधा हस्तक्षेप है। आरएसएस के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले आज जामडोली में शुरू हुई तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा में हुए विचार विमर्श की जानकारी संवाददाताओं को दे रहे थे।
उन्होंने कहा की तरफ तो पाकिस्तान मुंबई आंतकी घटनाओं में शामिल अजमल कसाब और बारह पाकिस्तानी आतंकवादियों के शवों को लेने से मना करता है। दूसरी ओर अफजल गुरू के मामले में हस्तक्षेप करता है। इससे पाकिस्तान का दोहरा चरित्र सामने आया है।
उन्होंने राममंदिर निर्माण के बारे में कहा कि इस मामले में देशभर के संत, महात्मा और धर्माचार्यों ने महाकुंभ में संत सम्मेलन में मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया है। उन्होंने दावा किया कि ढांचा गिरने के बाद बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने कहा था कि यदि यहां मंदिर था, यह सिद्ध हो जाता है तो हम यह स्थान मंदिर के लिए छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि अब उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद यह सिद्ध हो गया है कि वहां मंदिर था। ऐसे में सरकार को संसद में कानून बनाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।
होसबोले ने बताया कि अखिल भारतीय प्रतिनिधी सभा का उद्घाटन सरसंघचालक मोहन भागवत एवं सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने किया। सभा में संघ के गत वर्ष के कार्य की समीक्षा संख्यात्मक, गुणात्मक तथा प्रभावात्मक आधार पर की जायेगी तथा आगामी लक्ष्य निर्धारित किये जायेंगे और विविध क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया जायेगा। होसबोले ने बताया की गत वर्ष फिन्स (फोरम फार इन्टीग्रेटिड नेशनल सिक्योरिटी) द्वारा आयोजित सरहद को प्रणाम कार्यक्रम में देश के सुदूर क्षेत्रों के छह हजार स्वयंसेवकों ने देश की सीमाओं पर जाकर प्रत्यक्ष अनुभव किया कि वहां की विपरीत परिस्थितियों में सैनिक किस प्रकार देश की रक्षा करते हैं। वहां रहने वाले सीमावर्ती गांवों के नागरिक किन परेशानियों का सामना करते हैं।
उन्होंने कहा कि गत 18 फरवरी को सामूहिक सूर्यनमस्कार में लगभग 2.5 करोड़ विद्यार्थियों ने भाग लिया। इसमें मुस्लिम व ईसाई विद्यार्थी भी शामिल थे। स्वामी विवेकानन्दजी के कथन स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है, जिसके अनुरूप इस कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय सभा में पश्चिमी पाकिस्तान व पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में बांग्लादेश) से लाखों की संख्या में प्रताडित होकर भारत में शरण ले रहे लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा ठोस नीति बनाने को लेकर प्रस्ताव पारित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभा ने देश में बढ़ती हुई नारी उत्पीड़न की घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए इसे अत्यन्त दुखद बताया।
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