कंधमाल दंगा मामले की चार दिवसीय सुनवाई खत्म
कटक(visakeo) जागरण संवाददाता : कंधमाल में 2007 में भड़कने वाले दंगे के मामले की सुनवाई करने वाली जस्टिस पाणीग्राही कमीशन की सुनवाई गुरुवार को खत्म हो गई। चार दिन की सुनवाई के आखिरी दिन कंधमाल विधायक मनोज प्रधान को हाजिर होना था, मगर किसी कारणवश वह हाजिर नहीं हो सके। कमीशन की तरफ से विधायक प्रधान समेत तत्कालीन गजपति एसपी व अब के पुरी एसपी अमितेंद्र नाथ सिन्हा, ब्राह्मणी गांव कॉलेज के अध्यक्ष डी.बलियार सिंह, ब्राह्मणी गांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल अफसर डॉ. बीके पंडा को कमीशन की तरफ से समन जारी किया गया था। इन चार गवाहों में से केवल पुरी एसपी अमितेंद्र नाथ सिन्हा ही हाजिर हुए। श्रीमंदिर में कार्तिक व्रत के चलते वह व्यस्त है, ऐसे में हलफनामा नहीं दाखिल कर पा रहे है। यह बात श्री सिन्हा कमीशन को अवगत कराने के साथ-साथ हलफनामा दाखिल करने के लिए मोहलत मांगी। श्री सिन्हा के पिटीशन को स्वीकार करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का अदालत ने मोहलत दिया है।
उसी तरह विधायक मनोज प्रधान हाजिर नहीं हो पाए थे। वह अपने वकील के जरिए मोहलत की प्रार्थना कर एक पिटीशन दायर किए थे, जिसे कमीशन ने मंजूर कर लिया। अन्य दो गवाह भी किसी कारणवश हाजिर नहीं हो सके। पिछले चार दिन की सुनवाई में पूर्व सांसद सुग्रीव सिंह, पूर्व सांसद राधाकांत नायक, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आइजाक बेहेरा, तत्कालीन आरडीसी सत्यव्रत साहू, डीआइजी आरपी कोचे प्रमुख कमीशन के समक्ष हाजिर होकर गवाही देने के साथ-साथ जिरह का सामना किया था।
विदित हो कि वर्ष 2007 में अनुसूचित जाति व जनजाति के मध्य दंगा भड़का था। इस संबंध में न्यायिक जांच के लिए राज्य सरकार जनवरी 2008 में जस्टिस वासुदेव पाणीग्राही को जांच कमीशन के तौर पर नियुक्त किया था। इस चार दिवसीय सुनवाई में सरकार की तरफ से वकील जगदीश चंद्र दास एवं क्रिश्चियन सोसाइटी की तरफ से वकील प्रसन्न नंद मामला परिचालन कर रहे थे।
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