वाराणसी. विश्व शांति का संदेश फैलाने के लिये पदयात्रा कर रहे तुलसी कृष्णन का कहना है कि विश्वभर में मानवीय मूल्यों का ह्रास हो रहा है. सनातन संस्कृति खतरे मे है. पर्यावरण को लेकर विश्व गहन चिन्तन में है. सामाजिक सौहार्द और भाईचारे का ताना-बाना दिन-प्रतिदिन बिगड़ रहा है. ऐसे में युवाओं को जगाना होगा.
36 वर्षीय श्री कृष्णन ‘सनातन भारत संस्कृति मानव मूल्य जागृति पदयात्रा’ लेकर काशी पहुँचे हैं. उनका कहना है कि हिन्दू सनातन संस्कृति की अलख जगाने के लिए देश के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक पदयात्रा पर निकल पड़े हैं. दक्षिण भारत के अन्तिम छोर कन्याकुमारी से लेकर उत्तरी भारत के अंतिम छोर जम्मू कश्मीर तक का सफर तय करने के बाद यह शांति का दूत बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आया है.
36 वर्षीय श्री कृष्णन ‘सनातन भारत संस्कृति मानव मूल्य जागृति पदयात्रा’ लेकर काशी पहुँचे हैं. उनका कहना है कि हिन्दू सनातन संस्कृति की अलख जगाने के लिए देश के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक पदयात्रा पर निकल पड़े हैं. दक्षिण भारत के अन्तिम छोर कन्याकुमारी से लेकर उत्तरी भारत के अंतिम छोर जम्मू कश्मीर तक का सफर तय करने के बाद यह शांति का दूत बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आया है.
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