श्री भागय्या जी ने विश्व संवाद केन्द्र मेरठ पर भारत विकास परिषद् की मेरठ-मवाना इकाइयों द्वारा आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि देश भर में सेवा भाव और सेवा कार्य बढ़े हैं. लेकिन फिर भी हिंसा, दुराचार, भ्रष्टाचार और वैमनस्य भी बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि भोजन, पैसा, दवा आदि का सहयोग करना अच्छी बात है लेकिन उससे भी अच्छा है कि सामाजिक सम्मान देना. हम सब एक सांस्कृतिक परिवार है यह भाव जगाना परम आवश्यक है. गोष्ठी में भारत विकास परिषद् की इकाइयों द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न सेवा कार्यों की जानकारी भी दी गयी.
Saturday, August 30, 2014
भागय्या जी ने संस्कारहीन आधुनिकता से किया सावधान
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