विहिप नेता की हत्या में आठ को उम्रकैद
ओडिसा के कंधमाल की जिला अदालत ने विहिप नेता स्वामी लक्ष्मणनंद सरस्वती सहित पांच लोगों की हत्या के मामले में आठ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें नक्सलियों का शीर्ष नेता पुलारी रामा राव उर्फ उदय भी शामिल है।
स्पेशल एडिशनल डिस्ट्रिक्ट सेशन जज आरके टोसे ने हर दोषी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका।
23 जनवरी 2008 को कंधमाल के जलेशपटा इलाके स्थित आश्रम में स्वामी लक्ष्मणनंद सरस्वती और उनके चार सहयोगियों की अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। सहयोगियों में एक महिला भी शामिल थी।�
इस मर्डर केस में पुलिस ने नक्सलियों का हाथ बताया था। वहीं, विहिप सदस्यों ने ईसाई संगठनों पर शक जताया था।�
इसके बाद इलाके में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में 38 लोगों को जान गंवानी पड़ी। हिंसा के दौरान करीब 25 हजार ईसाइयों को अपना घर छोड़ना पड़ा था।
ओडिसा सरकार ने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच से कराने की घोषणा की थी। साथ ही हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का भी गठन किया। क्राइम ब्रांच ने मामले में 14 आरोपियों में 9 लोगों को गिरफ्तार किया था।
पहली चार्जशीट 2009 में दाखिल की गई। इसमें क्राइम ब्रांच ने सात लोगों को आरोपी बनाया था, जिसे अदालत ने भी दोषी मानते हुए सजा सुनाई। बाद में दो और लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
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