सपा के नेता शिवपाल के साथ घूमे दंगे के आरोपी मौलाना
October 6, 2013
अश्विन शुक्लपक्ष २, कलियुग वर्ष ५११५
यह है अखिलेश यादव सरकार का दोगलापन । जिस अखिलेश सरकार ने भाजपा के हिंदू विधायकों पर दंगा भडकाने के नामपर रासुका लगाकर उन्हें जेल भेज दिया है, उसी अखिलेश सरकार ने दंगा फैलाने वाले मौलाना को सरकारी मेहमान बनाकर शांति कायम रखने के लिए सहयोग मांगा है । अब सभी हिंदूओं को हिंदूद्रोही अखिलेश सरकार के खिलाफ वैध मार्ग से विरोध करना चाहिए । यह स्थिती बदलने के लिए सभी हिंदूओं को संगठित होकर शीघ्रातीशीघ्र ‘हिंदू राष्ट्र’ की स्थापना करनी चाहिए । - संपादक
मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर में भड़के सांप्रदायिक दंगे के नामजद आरोपियों पर एकतरफा कार्रवाई के आरोपों में कहीं न कहीं सच्चाई भी दिखाई देती है। खासकर सत्ता पक्ष से जुड़े आरोपियों की ओर से तो शायद पुलिस-प्रशासन ने आंख ही मूंद रखी है। जानसठ क्षेत्र में भड़की हिंसा में नामजद हुए आरोपियों में से एक मौलाना नजीर इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। उन पर दंगा और हिंसा भड़काने का मुकदमा दर्ज है, लेकिन सूबे की सरकार इसकी साफ अनदेखी कर रही है। अभी हाल ही में मौलाना नजीर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से मिलने विशेष विमान से लखनऊ गए थे। अब शनिवार को जब उप्र सरकार के मंत्री शिवपाल यादव कवाल आए तो वहां भी मौलाना मंत्री के बगलगीर बने रहे। इतना ही नहीं, मंत्री की मौजूदगी में उन्होंने उत्तेजक बयान भी दे डाला।
कवाल में मौलाना नजीर ने शिवपाल के सामने कहा- 'जानसठ महाभारतकालीन इलाका है। यहां महादेव मंदिर पर हुई कौरव-पांडव की बैठक ने युद्ध टाल दिया था। जानसठ आने पर दोनों पक्षों को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। हमारी कौम शुरू से ही अमन पसंद रही है, लेकिन कोई हमारा गला काटने आएगा तो हम बख्शेंगे नहीं।'
मंत्रीजी, अपनी पार्टी के नेताओं को काबू करो
मलिकपुरा की महिलाओं व पुरुषों ने शिवपाल से कहा, घटनाओं पर अंकुश लगाना है तो पहले अपनी पार्टी के नेताओं को काबू में करो।
आरोप लगाया कि २७ अगस्त से सात व आठ सितंबर की घटनाओं तक सपा के मंत्री आजम खां और कई क्षेत्रीय नेताओं ने अहम भूमिका निभाई थी। अगर समय रहते इन नेताओं पर काबू पा लिया होता तो दंगे की आग में न जलता। महिलाओं ने कहा कि सपा नेताओं पर लगाम नहीं लगी तो दंगे होते रहेंगे।
स्त्रोत : जागरण
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