Sunday, February 08, 2015

पश्चिम के देशों में भौतिक सुख है, लेकिन आत्मिक शांति नहीं है

बीरमित्रपुर:बीरमित्रपुर स्थित सरस्वती विद्यामंदिर का वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। शनिवार की शाम आयोजित समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने समेत विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।
इस समारोह के प्रारंभ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक हेडगेवार तथा गुरुजी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता हृषिकेश राय कालेज के प्राचार्य भवेश साहु ने कहा कि भारतीय संस्कृति व परंपरा विश्व में श्रेष्ठ है। पश्चिम के देशों में भौतिक सुख है, लेकिन आत्मिक शांति नहीं है। जबकि भारत अपनी कला, संस्कृति व परंपरा के बल पर सारी दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैला रहा है। स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मोहन दोदराजका ने कहा कि सरस्वती विद्यामंदिर ने स्थापना के बाद अल्प समय में बीरमित्रपुर में अच्छे शिक्षण संस्थान की पहचान बनाई है। उन्होंने स्कूल के उत्तरोत्तर विकास में नगरवासियों से सहयोग की कामना की। अंत में स्कूल के बच्चों की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। जिसमें संबलपुरी नृत्य, आसाम का बीहू नृत्य समेत निकुंज दास के निर्देशन में नाटक कृष्ण की अंतिम हंसी का मंचन किया गया। स्कूल प्रबंधन समिति के सचिव चितरंजन महंती ने स्वागत भाषण दिया। प्राचार्य रंजीत दास ने वार्षिक विवरणी प्रस्तुत की उपाध्यक्ष बीके शुक्ला ने धन्यवाद दिया। समारोह में दिलीप प्रधान, बसंत साहु, नथमल धवलिया, सुनील तिवारी, बृजलाल केसरी आदि भी उपस्थित थे।

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