रांची (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के अंतिम दिन रविवार को सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी ने बैठक स्थल के समीप बनी मीडिया गैलरी में पत्रकार वर्ता को संबोधित किया. सबसे पहले उन्होंने मीडिया को बधाई देते हुए कहा कि सभी ने सकारात्मक समाचार प्रकाशित कर समाज को सही संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि संघ का 90 वर्षों के सामाजिक जीवन का अनुभव है. संघ के कार्यों को सकारात्मक दृष्टि से देखने की जरूरत है. पिछले कुछ दिनों में देश की कुछ शक्तियों द्वारा हिन्दू समाज को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है. सबके प्रति सम्मान की भावना रखने वाले संघ पर गलत आरोप लग रहे हैं जो निंदनीय है. संघ की वर्ष में दो प्रमुख बैठकें होती है, जिसमें हम संघ के कार्यों की समीक्षा करते है. एक बैठक मार्च में प्रतिनिधि सभा की होती है और दूसरी बैठक अक्तूबर-नवम्बर के बीच कार्यकारी मंडल की होती है. इस बार हुई कार्यकारी मंडल की बैठक में हम लोगों ने संघ कार्य की समीक्षा की है. संघ कार्यकर्ताओं के लगातार प्रयास से पिछले 10वर्षों में पूरे देश में 10500 शाखाएं बढ़ी हैं. वर्तमान में देश में शाखाओं की कुल संख्या 50400 है. इनमें से 91 प्रतिशत शाखाएं ऐसी हैं, जहां 40 वर्ष से कम आयु के स्वयंसेवक आते हैं. 9 प्रतिशत शाखाओं में 40 वर्ष से अधिक आयु के स्वयंसेवक आते हैं, इस तरह संघ को हम एक युवा शक्ति कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों का कहना है कि संघ एक नगरीय संगठन है, पर ऐसा नहीं है. अभी संघ का 60 प्रतिशत काम ग्रामीण इलाकों में चल रहा है, जबकि 40प्रतिशत ही शहर में है. अभी देश के 90 प्रतिशत तहसीलों (प्रखंडों) में संघ के कार्यकर्ता पहुंच चुके हैं. देश के 53000 से अधिक मंडलों (10 से 12 गांवों को मिलाकर एक मंडल) में से 50 प्रतिशत से अधिक मंडलों तक संघ का काम पहुंच चुका है. युवाओं को संघ से जोड़ने के लिए ज्वाईन आरएसएस नाम से संघ की वेबसाईट पर व्यवस्था बनायी गयी है. गत चार वर्ष में वेबसाईट के माध्यम से संघ से जुड़ने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है. 2012 में जहां प्रतिमाह 1000 युवा संघ से जुड़ रहे थे, वहीं 2015 में संख्या बढ़कर 8000 प्रतिमाह हो गई है. आंकड़े दर्शाते हैं कि बड़ी संख्या में युवा संघ से जुड़ने की इच्छा रखते हैं.
सरकार्यवाह जी ने कहा कि वर्तमान में सेवा के क्षेत्र एवं ग्रामीण विकास पर संघ काम कर रहा है. आगे जल प्रबंधन, जल संरक्षण व जल संवर्धन पर काम करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है. यदि हम एकत्र मिलकर काम करें तो भीषण जल संकट से बचा जा सकता है. आगामी योजनाओं में संघ ने इस पर काम करने का निर्णय लिया है और स्वयंसेवक इसमें लगेंगे. उन्होंने केन्द्र सरकार के स्वच्छता अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सराहनीय कार्य है, इसे और प्रभावी बनाने की जरूरत है. इस पर भी स्वयंसेवक काम करेंगे. साथ ही संघ चाहता है कि देश में प्रदूषण की समस्या दूर हो एवं व्यसन मुक्त भारत बने.
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