राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक पूज्यनीय श्री सुदर्शन जी का आज सुबह 6:50 पर हृदयाघात से रायपुर प्रवास के दौरान दुःखद निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे।
मा. सुदर्शन जी का पूरा नाम कुप्पाहल्ली सीतारमैया सुदर्शन था। इनका जन्म 18 जून 1931 में म.प्र. के रायपुर में हुआ था। आपकी प्राथमिक शिक्षा म.प्र. के दमोह व मंडला में हुई। वे 9 वर्ष की आयु में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे। दूरसंचार विषय में जबलपुर से अभियांत्रिकी की उपाधि; (Bachelor of Engineering in Telecommunications (honours) from Sagar University.) 1954 में प्राप्त की। 1955 से संघ के माध्यम से देश सेवा मे अपना जीवन समर्पित कर दिया। रायगढ़ व सागर में जिला प्रचारक एवं रीवा में विभाग प्रचारक के बाद 1964 में मध्यभारत के प्रान्त प्रचारक का दायित्व सौंपा। 1969 में अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुख बने। पूरे 19 महीने आपातकाल में जेल रहने के पश्चात् 1977 में पूर्वांचल के क्षेत्र प्रचारक रहे। 1979 में अ.भा. बौद्धिक प्रमुख एवं 1990 में सह सरकार्यवाह का दायित्व आया। 10 मार्च 2000 को पूज्यनीय रज्जू भैया ने आपके कन्धों पर सरसंघचालक का दायित्व सौंपा। सुदर्शन जी ने 21 मार्च 2009 को सरसंघचालक दायित्व से स्वयं निवृत्त होकर प.पू. मोहनजी भागवत कोे सरसंघचालक का दायित्व सौंपा। 2009 से भोपाल में रहकर सारे देश में सघन प्रवास करते हुये समाज जीवन में विभिन्न क्षेत्र में चल रहे सामाजिक कार्यों का मार्गदर्शन करते रहे।
स्व. श्री सुदर्शन जी का अंतिम संस्कार कल दिनांक 16 सितंबर 2012 अपरान्ह ३:00 बजे नागपुर में होगा।
स्व. श्री सुदर्शन जी के निधन से संघ कार्यालय कानपुर में व प्रान्त के स्वयंसेवकों में भी शोक की लहर दौड़ गयी।
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