Monday, September 17, 2012

स्वयंसेवकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की

पूज्य कुप्प.सी. सुदर्शन जी को कानपुर नगर के स्वयंसेवकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय, केशव भवन, अफीम कोठी, कानपुर में एक विशाल शोकसभा में पूर्व सरसंघचालक मा0 कु.सी. सुदर्शन जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जिसमें सैकड़ों स्वयंसेवकों ने पूर्व सरसंघचालक परम् पूज्य कुप्पाहल्ली सीतारमैय्या सुदर्शन जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रान्त संघचालक मा0 वीरेन्द्रजीत सिंह ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए बताया कि श्री गुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष में स्वयंसेवकों को पत्र लिखकर कहा कि वे किसी न किसी आयाम से जुड़कर संघ कार्य को गति दें। स्वदेशी की बात तो सब करते हैं पर व्यवहार में नहीं लाते। मा0 सुदर्शन जी स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग अपने जीवन में करते थे।
क्षेत्रसंघ चालक मा0 ईश्वरचन्द्र जी ने बताया कि मा0 सुदर्शन जी दूरदृष्टा होने के नाते जानते थे कि आने वाले समय में पेयजल एवं पानी कि विकराल समस्या आने वाली है। वे कहते थे कि जितना आवश्यक हो उतना ही पानी का सद्उपयोग करना चाहिए।
शोक सभा में श्रद्धांजलि देते हुए विश्व हिन्दू प्रवक्ता श्री प्रकाश शर्मा ने अपने संस्मरण में कहा कि जितना अच्छा उनका शारीरिक था उससे कहीं अच्छा उनका बौद्धिक था। वे एक श्रेष्ठ विचारक व चिंतक थे। प्रचार प्रमुख वासुदेव वासवानी जी ने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्र होने के बाद भी उनका गीता और रामचरित मानस पर गहन अध्ययन था। उनको कई भाषाओं मं महारत थी। विश्व संवाद केन्द्र के प्रमुख श्री अरविन्द जी ने कहा कि उनमें महापुरुषों के सारे गुण थे। वे अस्वस्थ होने पर भी अपनी पीड़ा को किसी को प्रकट नहीं होने देते थे। उनका सारा जीवन राष्ट्रोत्थान में लगा 9 वर्ष की आयु मे ही वे स्वयंसेवक बन गये थे। विधायक श्री सतीश महाना ने कहा उनका जीवन आदर्शों से परिपूर्ण था। विधायक श्री सत्यदेव पचैरी ने बताया कि उनका सारा जीवन हिन्दू समाज को संगठित कर शक्तिशाली बनाने में लगा रहा।
इस श्रद्धांजलि सभा में संघ के अनेक आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियोने मा0 सुदर्शन जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जिनमें मुख्यरूप से प्रान्तकार्यवाह काशीरामजी, सहप्रान्त कार्यवाह ज्ञानेन्द्र सचान, विमल त्रिपाठी, अवध बिहारी, विभाग प्रचारक सत्य प्रकाश, अरविन्द मेहरोत्रा आदि ने श्रद्धासुमन अर्पित किये। श्रद्धांजलिसभा का समापन दो मिनट के मौन के पश्चात ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना के साथ हुआ।

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