बेनजीर की फोटो रखकर जरदारी ने रोना रोया, कहा- 'कश्मीर का सुलझा दो मामला'
Source: VSK- JODHAPUR Date: 9/27/2012 3:20:56 PM |
संयुक्त राष्ट्र, 26 सितम्बर 2012 : पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए बुधवार को फिर संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल किया। पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा कि कश्मीर पर सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव अब तक लागू नहीं हो सका। यह संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी नाकामी है। खास बात यह रही कि जरदारी ने भाषण के दौरान अपने सामने पत्नी बेनजीर की तस्वीर रखी।
महासभा को बताया कि निजी तौर वे खुद आतंकवाद के भुक्तभोगी हैं। उनकी पत्नी पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो आतंकी हमले में शहीद हुई हैं। वैश्विक मंच पर इसे पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद के मुद्दे पर सहानुभूति बटोरने की कोशिश माना जा रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 67वें सत्र में 20 मिनट भाषण दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की मजबूती की बजाय नाकामियों का प्रतीक बना हुआ है। जरदारी ने कहा, ‘हमें लगता है कि इन मुद्दों का हल सिर्फ सहयोग के माहौल में हो सकता है।’
जरदारी ने कहा कि ‘हम परिषद के प्रस्ताव के अनुरूप कश्मीर के लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से भविष्य चुनने के अधिकार पर समर्थन देते रहेंगे।’ उन्होंने बताया कि पिछले महीने तेहरान में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनकी बातचीत उत्साहवर्धक रही। चार साल में यह पांचवीं मुलाकात थी।
हर मंच से कश्मीर
पाक हर अंतरराष्ट्रीय मंच से कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है। सन् 1948 में सुरक्षा परिषद में कश्मीर प्रस्ताव पारित होने के बाद से संयुक्त राष्ट्र महासभा की हर बैठक में यह मुद्दा उठाया गया। जुल्फिकार अली भुट्टो ने तो अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र करते समय कपड़े तक फाड़ लिए थे।
पाकिस्तान आतंक से सबसे ज्यादा पीड़ित
‘आतंकवाद से पाकिस्तान सबसे ज्यादा प्रभावित है। अमेरिकी ड्रोन हमलों से आतंकी ठिकानों के साथ आम नागरिकों को भी नुकसान हुआ है। पाकिस्तान की नीयत पर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन जनता, नेता और सैनिक इनका जवाब भी देते रहे हैं।’
आतंकवाद से लड़ाई पर‘हमसे बार बार कहा जाता है कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान ने उतना नहीं किया जितना करना चाहिए। यह उन शहीदों का अपमान है जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ते हुए जान दे दी। मैं पूछना चाहता हूं दुनिया से और कितना करें हम। पाकिस्तान और कितना बर्दाश्त करे।’
भाषण के मायने
- पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के इसी प्रस्ताव का हवाला देकर कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को हर तरह से समर्थन देता रहा है। यह मदद जारी रहेगी।
- संयुक्तराष्ट्र नाकाम रहा है। इसलिए इसमें सुधार/विस्तार की जरूरत नहीं है। भारत संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य बनने की कोशिश कर रहा है। उसे रोकना।
- बार बार कहता है कि पाकिस्तान आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित है। वह इससे निपटने के नाम पर अमेरिका व अन्य देशों से आर्थिक मदद लेता है। इसे लेते रहना। जिससे आतंकियों को धन मुहैया कराने में आसानी रहे।
कह दिया सो कह दिया : हिनामहासभा के बाहर जरदारी से कश्मीर मुद्दे पर दिए गए भाषण का अर्थ जानने की कोशिश की गई। उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। विदेशमंत्री हिना रब्बानी से पूछा तो उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति को जो कहना था सो कह दिया। उनके भाषण में सब है। पढ़ लीजिए।’
प्रस्ताव पर भारत-अमेरिका का रुखसुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में कश्मीर में जनमत संग्रह की बात है। भारत इसका विरोध करता है। उसके मुताबिक जम्मू कश्मीर का भारत में विलय हो चुका है। यह भारत का अभिन्न अंग है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी जुलाई कह चुके हैं, ‘कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा है।
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