राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के निवर्तमान प. पू. सरसंघचालक मा. सुदर्षन जी को अभाविप की भावभीनी श्रद्धांजली
अखिल भारतीय विधार्थी परिषद ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के निवर्तमान प.पू. सरसंघचालक मा. के. एस. सुदर्षन के देहावसान पर भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित की है। अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रा. मिलिंद मराठे ने श्रद्धांजली देते हुए कहा कि पूज्य सुदर्षन जी अदभुत प्रतिभा के धनी तथा प्रभावी वक्ता थे। वे हर विषय के बारे में गहरा अध्ययन करते थे एवं केवल संघ के ही नही अपितु सार्वजनिक जीवन के भी हर विषय की भूमिका को ठीक से समझकर संपूर्ण समाज का मार्गदर्षन करते थे। उनके निधन से देष को अपूरणीय क्षति हुर्इ है जिससे पूरा अभाविप परिवार शोक संतप्त है, अभाविप को उनकी कमी हमेषा खलेगी।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री श्री उमेष दत्त ने कहा कि सरसंघचालक के दायित्व से मुक्त होने के बाद में 81 वर्ष की आयु में भी कार्यकर्ताओं से सतत चर्चारत रहते हुए मार्गदर्षन करने की उनकी अनूठी शैली एवं व्यकितत्व प्रेरणादायी था।
अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुनील आंबेकर ने कहा कि आज के समय मेंं जहां हर तरफ सभी के मन में पद की लालसा एवं मोह की भावना देखने को मिलती है, ऐसे समय में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सर्वोच्च पद पर रहते हुए मा. सुदर्षन जी ने उस पद को त्याग कर पून: सामान्य स्वंयसेवक का जीवन जीकर देष में सार्वजनिक जीवन के लिये अनूठा आदर्ष प्रस्थापित किया है, जो कि आने वाली पिढि़यों के लिये सदैव दिषा-दर्षन करता रहेगा। उनकी सरलता व सहजता के कारण समाज के विभिन्न स्तरों के लोग एवं स्वंयसेवक उन्हे बिना संकोच मिलकर अपने मन की बात कह सकते थे, जिस पर वे हमेषा सहज मार्गदर्षन करते थे।
अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. कैलाष शर्मा ने कहा कि मा. सुदर्षन जी के रूप में देष ने एक प्रमुख विचारक एवं चिंतक खो दिया है। उनके मार्गदर्षन की कमी अब देष में समाज के सभी वर्गों को हमेषा महसूस होती रहेगी।
अखिल भारतीय विधार्थी परिषद ने देषभर में मा. सुदर्षन जी को भावभीनी एवं अश्रूपूर्ण श्रद्धांजली अर्पित की है। मा. सुदर्षन जी का अंतिम संस्कार कल 16 सितम्बर को दोपहर 03 बजे नागपुर में होगा, जिसमें अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रा. मिलिंद मराठे समिमलित होकर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।
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