नागपुर, दि. 16 : ढलते हुए सूरज को साक्षी रखते हुए पूर्व सरसंघचालक श्री. सुदर्शनजी के पार्थिव को यहॉं के गंगाबाई स्मशानघाट पर इनके बंधु रमेशजी ने मंत्राग्नी दिया, तो हजारों मुख से "भारत माता की जय' घोषणा ललकार उठी। हजारों नेत्रोंने सभी बंधन अस्वीकार कर अश्रुपात कर अपने लाडले पूर्व सरसंघचालक को अंतिम श्रद्धांजली दी।
श्री. सुदर्शनजी का कल शनिवार 14 तारीख को रायपुर में निधन हुआ। शाम 7 बजे विशेष विमान द्वारा उनका पार्थिव नागपुर लाया गया। रेशीमबाग के महर्षि व्यास सभागृह में सुदर्शनजी का पार्थिव अंतिम दर्शन हेतु रखा था। 7 बजेसे ही रात देर तक लोगों का तांता लगा हुआ था। आज सबेरे भी लोग आही रहे थे। विमान, बस,रेल तथा निजी वाहनों से बाहर गावसे भी लोग आये थे।
जानेमाने पत्रकार मुजफ्फर हुसेन, डॉ. राकेश सिन्हा, कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विद्यापीठ के पंकज चांदे, राष्ट्रवादी कॉंग"ेस के प्रवक्ते गिरीश गांधी, राजकुमारजी तिरपुडे, भाजप की स्मृति इराणी, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के कार्यकर्तागण, कुछ ख्रिश्चन मिशनरी भी सुदर्शनजी का अंतिम दर्शन लेने हेतु वहॉं पहुंचे थे। दोपहर 2 बजे के करीब फिर से बारिश शुरू हुई, उसी वक्त गुजरात के मु"यमंत्री नरेंद्र मोदी, मध्यप्रदेश के मु"यमंत्री शिवराजसिंह चौहान वहॉं पहुंचे थे। भाजप के ज्येष्ठ नेता लालकृष्ण अडवानी, भाजपाध्यक्ष नितीनजी गडकरी, नेता प्रतिपक्ष राज्यसभा अरुण जेटली,राजनाथसिंगजी, लोकसभा भाजपा उपनेता गोपीनाथजी मुंडे, अनंतकुमार जी, सांसद हंसराज अहीर वहॉं पर पहुंचे थे। पावने तीन बजे पूर्व सरसंघचालक सुदर्शनजी को अंतिम प्रणाम हुआ एवं प्रार्थना हुई। उसके बाद अंतेष्ठी प्रारंभ हुई।
फूलों से सजाये हुए ट्रकपर पार्थिव रखा गया। ट्रक पर सुदर्शनजी का बहुत बडा चित्र लगाया गया था। ट्रकपर सरकार्यवाह भय्याजी जोशी, सहसरकार्यवाह सुरेशजी सोनी, सहसरकार्यवाह दत्तात्रयजी होसबले, सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपालजी,सुदर्शनजी के भाई रमेशजी बैठे हुए थे। उनके पीछे सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत, नितीन गडकरी, लालकृष्ण अडवानी, छत्तीसगड के मु"यमंश्री रमणसिंगजी,मध्यप्रदेश के मु"य मंत्री शिवराजसिंगजी आदि महानुभाव चल रहे थे। उनके पीछे स्वयंसेवक एर्व कार्यकर्ताओं का काफिला चल रहा था। केशव द्वार तक सभी चलते हुए अंत्ययात्रा में थे। बादमे सुरक्षा के कारणवश उन्हें गाडीयोंमे बैठना पडा। केशव द्वार, लोकांची शाळा, जामदार हायस्कूल, जगनाडे चौक होते हुए अंत्ययात्रा करीबन साडे चार बजे गंगाबाई घाट पहुंची। पूरे रस्ते में दो तरफा खडे होकर नागरिक,माताभगिनी सुदर्शनजी को अभिवादन कर रहे थे। उपर से पुष्पवृष्टि भी हो रही थी। दो किलोमीटर का यह फासला पार करने करीबन दो घंटे का समय लगा।
गंगाबाई घाटपर रा. स्व. संघ के मदनदासजी, श्रीकांतजी जोशी, राम माधवजी, डॉ. मनमोहनजी वैद्य, राष्ट्र सेविका समितीकी प्रमुख संचालिका शांताक्का, पूर्व प्रमुख संचालिका प्रमिलताई मेढे तथा उषाताई चाटी, हरिद्वार के स्वामी अखिलेश वरानंदजी, सुनील मानसिंगका, श्रीधररावजी गाडगे, डॉ. रवीजी जोशी, दीपकजी तामशेट्टीवार, मा. गो. वैद्य, मध्यप्रदेश के माजी मु"यमंत्री बाबुलालजी गौड,कैलाशजी जोशी, किरीट सोमय्या, जबलपूर के डॉ. जितेंद्रजी जामदार, नरकेसरी प्रकाशन संस्था के अध्यक्ष डॉ. विलासजी डांगरे, प्रबंध संचालक विश्वास पाठक,उदयभास्कर नायर, राजेशजी लोया, संस्कार भारती के राजदत्तजी, क्षेत्रीय प्रचारक सुनील देशपांडे, प्रांत प्रचारक योगेशजी बापट, प्रांत संघचालक दादारावजी भडके,सहसंघचालक रामजी हरकरे, आमदार देवेंद्र फडणीस, कृष्णा खोपडे, सुधाकरराव देशमुख, चंद"शेखर बावनकुळे, विकास कुंभारे, विजय घोडमारे आदि महानुभाव उपस्थित थे। गंगाबाई घाट पर "श्रीराम जयराम जय जय राम' की धुन शुरु हुई और रमेशजीने सुदर्शनजी को मंत्राग्नी दी। अंत्य संस्कार के बाद पूर्णमंत्र का पठन हुआ।
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