ई-एडमिशन अनिवार्य नहीं है : हाईकोर्ट
जागरण संवाददाता, कटक : प्लस-2 एवं प्लस-3 में नाम लिखाने के लिए ई-एडमिशन अनिवार्य नहीं है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि छात्र-छात्राएं ई-एडमिशन के अलावा मैन्युअली भी आवेदन कर सकते हैं।
सरकार की ओर से ई-एडमिशन को अनिवार्य किया गया था। इसके विरोध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इसकी सुनवाई कर हाईकोर्ट यह अहम राय दी है। छात्र-छात्राएं दोनों ई-एडमिशन एवं मैनुअल एडमिशन कर सकेंगे। यह बात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस भी.गोपाल गौड़ एवं जस्टिस विश्वनाथ महापात्र को लेकर गठित खण्टपीठ ने अपनी राय में स्पष्ट किए है। पहले से इस मामले की सुनवाई खत्म होकर राय को सुरक्षित रखा गया था, जिसे गुरुवार को घोषित किया गया है। ई-एडमिशन अनिवार्य होने की विज्ञप्ति राज्य सरकार द्वारा प्रकाशित किए जाने के बाद अध्यापक विश्ववसु दास की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसमें राज्य के तमाम दूर दराज गांव में कम्प्यूटर या इण्टरनेट की व्यवस्था न होने से इसे अनिवार्य न करने के लिए आवेदन में दर्शाया गया था। इस पर विचार करते हुए हाईकोर्ट ने उपरोक्त राय प्रदान की है। इस राय के बाद राज्य सरकार की विज्ञप्ति एक तरह से रद्द हो गई है। राज्य के दूर दराज गांव में यह सुविधाएं उपलब्ध न होने का एहसास करते हुए हाईकोर्ट खण्डपीठ ने दोनों मैनुअल एवं ई-एडमिसन द्वारा छात्रों को नाम लिखाने का कार्य की जा सकेगी, यह बात अपनी राय में स्पष्ट किए है।
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