Tuesday, September 10, 2013

संघ की समन्वय बैठक में भाजपा की रणनीति पर हुई चर्चा

संघ की समन्वय बैठक में भाजपा की रणनीति पर हुई चर्चा

Source: VSK-Indraprastha      Date: 10 Sep 2013 10:14:27
undefinedनई दिल्ली, सितम्बर 10 : 8 और 9 सितम्बर को दिल्ली में आयोजित संघ की समन्वय बैठक में आगामी चुनाव के मद्देनजर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने देश के सम्मुख विविध मुद्दे तथा विषयों पर पार्टी की क्या नीति है इस बारे में जानकारी दी। भाजपा ने सभी परिवार संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ताओं से सुझाव मांगे थे। इस बैठक में सबने सुझाव दिए हैं। उसके आधार पर भाजपा अपनी नीतियां, घोषणा पत्र और कार्यक्रम बनाएंगी, ऐसी जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्यने पत्रकारों को दी। 
मुज्जफर नगर के प्रश्‍न का उत्तर देते हुए वैद्य ने बताया कि यह बहुत गंभीर घटना है। सैकुलरिज्म के नाम पर जो साम्प्रदायिक ताकतों को आश्रय मिल रहा है; खास तौर पर उत्तर प्रदेश में, उसके परिणामस्वरूप ऐसे कई दंगे हो रहे हैं। यह दंगा भी उसी का परिणाम है, ऐसा ध्यान में आ रहा है। इन दिनों में जितने भी दंगे हुए हैं उनका अगर आप आरम्भ देखेंगे तो पाएंगे कि एक सामान्य प्रकार की घटना है यह ध्यान में आता है। इसमें प्रशासन को साम्प्रदायिकता को प्रश्रय न देते हुए निष्पक्ष रूप से कड़ाई से खुला हुआ आदेश अपने प्रदेश में देना चाहिए। 
संघ की दो दिन की समन्वय बैठक यहां मध्यांचल भवन में सम्पन्न हुई है। आरम्भ में सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने सबका स्वागत किया और इस बैठक की भूमिका स्पष्ट की। 
भाजपा का हाल-अहवाल
बैठक के पहले दिन भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने भाजपा की आर्थिक विषय पर क्या नीति है, वर्तमान में देश की आर्थिक स्थिति और उसमें से आगे बढ़ने के लिए पार्टी क्या सोच रही है इसके बारे में विषय प्रस्तुत किया। इसके पश्‍चात के सत्र में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नीतीन गडकरी ने राम जन्म भूमि आन्दोलन व मंदिर निर्माण, 370 आर्टिकल, गौ-गंगा, समान नागरिक कानून ऐसे विषयों पर बात रखी। वैंकया नायडू ने कृषि नीति के बारे में बताया। वर्तमान में जो खेती की नीति है उसमें किसानों की क्या अवस्था है, इसके बारे में पार्टी का क्या विचार है, यह बात रखी। बाद में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने महिला, युवा, अनुसूचित जाति, जनजाति इन विषयों में पार्टी के विचार रखे और उस पर भी चर्चा हुई। अंतिम सत्र में अरुण जेटली ने अन्तर्गत सुरक्षा, बाह्य सुरक्षा, पड़ोसी देश इसमें क्या स्थिति है, इस पर पार्टी के क्या विचार हैं वह रखे। 
दुसरे दिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय परिदृश्य और आने वाले चुनावों में भाजपा की क्या तैयारी है, कैसे आगे बढ़ेंगे, इस पर अपनी बात रखी। अन्तिम सत्र में लालकृष्ण आडवाणी ने समापन में अपने विचार रखे। संघ के सरकार्यवाह सुरेश (भय्या जी) जोशी ने सम्पूर्ण बैठक का संचालन किया और सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने बैठक का समापन किया। 
मनमोहन वैद्य ने बताया, इस तरह से जैसी योजना बनी थी, ऐसे सभी विषयों पर चर्चा होकर बैठक समाप्त हुई। यह बैठक कोई निर्णय करने के लिए नहीं थी। इस तरह से यह बैठक योजनानुसार सफल सम्पन्न हुई है। 
पत्रकारों के प्रश्नों को भी वैद्य ने उत्तर दिए।
प्रश्‍न- पीएम कैंडिडेट के विषय पर कुछ चर्चा हुई है क्या?
उत्तर- मैंने पहले ही कहा था, इस तरह की चर्चा न होनी थी और न हुई है।
प्रश्‍न- अगले एक साल में बीजेपी आगे कैसे बढ़ेगी, राजनाथ सिंह ने इस पर क्या कहा?
उत्तर- यह बताने का अधिकार उस पार्टी को है। यहां तो अन्तर्गत व्यवस्थाओं की चर्चाएं थीं।
प्रश्‍न- एक सवाल बार-बार उठता है, नरेन्द्र मोदी को लेकर ऊहापोह की स्थिति बाहर नजर आती है। क्या इसमें किसी निर्णय पर पहुंचे, कुछ ठोस नतीजे पर पहुंचे हैं आप लोग?
उत्तर- मैंने कहा है कि यह बैठक उसके लिए नहीं थी। इसकी चर्चा भी नहीं हुई। और यहां कोई ऊहापोह है ऐसा लगा नहीं है, बाहर होगा।
प्रश्‍न- आपने रणनीति बनानी शुरु कर दी है, अपने अगले चुनावों के लिए? 
उत्तर- हमने नहीं बनाई है; भाजपा ने बनाई है। क्योंकि भाजपा को तो यह करना ही है, चुनाव सामने है। उन्होंने सभी परिवार संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ताओं से सुझाव मांगे थे। सबने सुझाव दिए हैं। उसके आधार पर वे अपनी नीतियां बनाएंगे, घोषणा पत्र बनाएंगे और कार्यक्रम बनाएंगे। 

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