भुवनेश्वर :
भारत का मंगल अभियान की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। नवंबर से यह अभियान शुरू हो जाएगा। यह जानकारी वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक, इसरो के पूर्व अध्यक्ष व फिजिकल रिसर्च लाइब्रेरी के अध्यक्ष प्रो. यूआर राव ने दी। प्रो. राव शुक्रवार शाम को किट विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि मंगल अभियान के लिए आगामी 26 नवंबर को अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित किया जाना प्रस्तावित है। यह अंतरिक्ष यान 299 दिन की यात्रा के बाद 22 सितम्बर 2014 को मंगल ग्रह पर पहुंचेगा।
किट विश्वविद्यालय के 'एक्जेस्टिंग चैलेंजेंस इन स्पेस प्रोग्राम आफ फ्यूचर' शीर्षक पर बोलते हुए प्रो. यूके राव ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में दिखाई दे रही नौ चुनौतियों का जिक्र किया। विशेष रूप से अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत के खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा, अंतरिक्ष सुरक्षा, अंतरिक्ष परिवहन, अन्वेषण तथा मंगल अभियान आदि कार्यक्रमों की जानकारी दी। किसी विकासशील देश में अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपयोगिता पर उठाए जा रहे सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि विकसित देशों के साथ प्रतिद्वंदिता न कर अपने देश के हित के लिए इस दिशा में काम किया जाना जरूरी है।
प्रो. राव ने कहा कि भारत दुनिया का पहला देश है, जिसने सबसे पहले चन्द्रमा पर पानी की खोज की थी। हम अपनी वैज्ञानिक क्षमता के बावजूद आज भी उच्च स्तर के विज्ञान व उच्च स्तर की तकनीकी का प्रयोग नहीं करते। इसी कारण हम पीछे रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि कीट् व कीस् दौरा एक यादगार रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी हमने यहां का दौरा किया है, मगर आज हां पर ज्यादा विकास हुआ है, इसके लिए उन्होंने कीट् व कीस् के प्रतिष्ठाता डा.अच्यूत सामन्त को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर उन्होंने कीट्-कीस् के छात्रों के सवालों का भी जवाब दिया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो.पी.पी.माथुर व कीट् इंजीनियरिंग स्कूल के प्रो.ए.के.रथ प्रमुख उपस्थित थे।
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