सामर्थ्यवान दरिद्रता मिटाएं : ध्यानमूर्ति
राउरकेला,vsk
अग्रसेन भवन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के समापन दिवस पर साध्वी ध्यानमूर्ति ने कृष्ण सुदामा चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कृष्ण सुदामा का मिलन लक्ष्मीनारायण व दरिद्रनारायण का मिलन है। इसमें सामर्थ्य व निर्धन में प्रेम भाव को दर्शाया गया है। उन्होंने कृष्ण सुदामा के मिलन को वर्तमान समय से जोड़ते हुए कहा कि शहर में धनी व हर तरह से सामर्थ्यवान लोग हैं। वे लक्ष्मीनारायण की भूमिका में ग्रामीण व वन क्षेत्र में रह रहे असहाय व जरूरतमंद दरिद्रनारायणों का उद्धार करने को आगे हैं। यही उनकी संपत्ति का सदुपयोग भी है।
अग्रसेन भवन में आयोजित भागवत कथा के समापन दिवस पर उन्होंने कंस बध, अवधूत 24 गुरु प्रसंग एवं भागवत के प्रथम से द्वादश स्कंध तक का संक्षिप्त पाठ किया। समापन दिवस पर कृष्ण राधा की पूजा अर्चना एवं फूलों की होली खेली गई एवं प्रसाद सेवन का कार्यक्रम हुआ। समाजसेवी सुदर्शन गोयल ने इसके आयोजन में सहायता के लिए महाराजा अग्रसेन सेवा संघ, प्रशासन एवं श्रद्धालुओं के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के आयोजन में हरिओम बंसल, पवन अग्रवाल, उत्तम अग्रवाल, तरसेम गर्ग, वेनीगोपाल मलानी, वेंकट अग्रवाल, श्याम बिहारी गोयल, आनंद अग्रवाल, राजेश गर्ग समेत अन्य भक्तों ने अहम भूमिका निभाई।
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