Friday, August 30, 2013

25 अगस्त को प्रारम्भ की गयी पदयात्रा अपने संकल्प से हट नहीं सकती-विष्व हिन्दू परिशद

दिनांक-30.08.13
    अयोध्या 30 अगस्त।  संतों धर्माचार्यो द्वारा चल रही चैरासी कोसी पदयात्रा आज भी जारी रही। यात्रा में राजस्थान व अयोध्या के संत तथा उनके भक्त सम्मिलित हुए। सुरक्षा कर्मियों से बचते हुए पदयात्री अपने निर्धारित मार्गो पर चलते जा रहे है। अयोध्या के लगभग आधा दर्जन संतों को तारून पहुंचने पर सुरक्षा कर्मियों ने रोक लिया जिन्हें थाने में ले जाकर बैठाया गया और बताया गया कि धारा 144 तोडने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया है।         विष्व हिन्दू परिशद के केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज ने कहा कि लोकतंत्र में जनता जर्नादन है और जनता की भावनाओं का आदर न करना अपराध है। लोकतंत्र में तंत्र गौण हो जाता है और लोक प्रबल होता है। लोकतंत्र में तंत्र आज मुलायम सिंह और अखिलेष यादव के साथ है लेकिन लोक संत धर्माचार्यो एवं विष्व हिन्दू परिशद के साथ खडा है। 
    श्री सिंह ने प्रेस को जारी अपने वक्तव्य में कहा कि 25 अगस्त को प्रारम्भ की गयी पदयात्रा अपने संकल्प से हट नहीं सकती। बडे काम में बडी बाधायें आती ही है। बाधाओं को पार कर पदयात्रा की परिक्रमा जारी रहेगी। विपरीत परिस्थितियों में भी विहिप चट्टान के समान संतो ंके साथ खडी है। साधू संतों का आषीर्वाद समाज पर है। 
    कि उन्होंने कहा धरती पर सदैव दो षक्तियाॅं रही हैं एक आस्था की और दूसरी विध्वंस की। आस्था की षक्ति से विध्वंस की षक्ति कभी जीत हीं सकती। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृश्ण सत्य धर्म के साथ खडे थे परन्तु दुर्योधन के साथ अपार षक्ति थी लेकिन विजय धर्म की ही हुई।  सरकार को समझ लेना चाहिए कि एक पक्ष को सन्तुश्ट करने के लिए दूसरों पर अत्याचार सामाजिक अपराध है। आने वाला समय इस प्रतिबन्ध और संतों को जेलों में बन्द करने का पूरा पूरा हिसाब लेगा। 
    दूसरी तरफ आज प्रातः गोसांईगंज से निकलकर तारून पहुंचे अयोध्या के संतों में महंत ष्याम सुन्दर दास, महंत हरीहर दास, महंत राम दास, महंत ज्योतिषंकर दास, मंहत सीता राम षरण आदि संतों को गिरफ्तार किया गया। थाना परिसर में प्रेस को सम्बोधित करते हुए महंत ष्याम संुदर दास ने कहा 1990 में भी बबुआ अखिलेष के पिताश्री ने परिन्दा पर नहीं मार सकता कह कर सम्पूर्ण देष को उद्वेलित कर दिया था जिसका परिणाम उन्हें 12 वर्शो तक सत्ता का बनवास झेलना पडा। अभी भी समय है अखिलेष यादव अपनी बुद्धि से कार्य करें। उन्होंने कहा धार्मिक पूजन-पाठ और यात्राओं पर प्रतिबन्ध लगाना मुगलिया सल्तनत का काम था।
जारीकर्ता
विश्व संवाद केन्द्र, अयोध्या

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