भुवनेश्वर : स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती स्मृति न्यास के तत्वावधान में बुधवार को स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती को उनके बलिदान दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि दी गई। पांच साल पहले जन्माष्टमी के दिन ही कंधमाल जिले के जलेशपटा आश्रम में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या कर दी गई थी। इस कारण स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती स्मृति न्यास द्वारा हर जन्माष्टमी को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राजधानी भुवनेश्वर में ओडिशा डिप्लोमा इंजीनियर्स सर्विस एसोसिएशन भवन में स्मृति न्यास के कार्यकारी न्यासी तथा समाजसेवी मनसुख लाल सेठिया की अध्यक्षता में स्मृति सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में स्वामी लक्ष्मणानंद एवं उनके चार सहयोगियों की हत्या करने वाले लोगों को आज तक गिरफ्तार न किए जाने पर नाराजगी जतायी गई। सभा में स्वामी जी के त्यागपूर्ण जीवन तथा वनवासियों के हित के लिए किए गए कार्यो को याद किया गया। उपस्थित लोगों ने स्वामी जी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर मुख्य वक्ता उत्कल विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर परिषद के अध्यक्ष प्रो. प्रफुल्ल कुमार मिश्र ने कहा कि स्वामी जी के प्रयास से ही कंधमाल एवं गजपति जिले के हजारों आदिवासियों ने शराब पीना छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि स्वामी जी का जीवन, देश, धर्म एवं समाज के लिए संपूर्ण रूप से समर्पित था। स्मृति न्यास के सदस्य डॉ. लक्ष्मीकान्त दास ने कंधमाल जिले में स्मृति न्यास द्वारा लिए गए कार्यक्रम के बारे में जानकारी दिए। चकापाद आश्रम में स्वामी जी की याद में चल रहे मंदिर निर्माण कार्य, स्वास्थ्य शिविर, जनजागरूकता शिविर, राम नाम संकीर्तन सभा का आयोजन किया जा रहा है।
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