विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री
मा. श्री चम्पतराय जी द्वारा श्रीअयोध्या जी से जारी प्रेसवार्ता
श्रीअयोध्याजी, 29 अगस्त। सन्त धर्माचार्यों द्वारा अयोध्या की चैरासी कोसी में पद यात्रा आज भी जारी रही। अयोध्या क्षेत्र में रात्रि विश्राम करने के उपरान्त पद यात्री अचानक सुरक्षाकर्मियों को चकमा देते हुये दर्शन नगर होते हुये श्रृंगी ऋषि क्षेत्र में रात्रि विश्राम करते हुये गोसाईगंज भिटौरा पहुचे, इस दौरान गुप्त रहकर उन्होंने कीर्तन भजन भी किया। विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री चम्पतराय ने प्रेस को जारी बयान में कहा पद यात्रा अभी भी इस कठिन परिस्थिति में चल रही है। सन्त धर्माचार्य धार्मिक और सांस्कृतिक मान बिन्दुओं की रक्षा के लिए सदैव तत्पर है और रहेंगे। विहिप सन्तों के इस संकल्प को हर सम्भव पूर्ण कराने में सहयोगी बनी रहेगी। उन्होंने कहा सरकारी दमन से समाज विचलित होने वाला नहीं है।
लखनऊ कारागार से छूटकर अयोध्या पहुंचे मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास तथा निर्वाणीअनी के श्री महंत धर्मदास ने सयुक्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा सन्त समाज को कारागार में डालना और भोजन प्रसाद तक की व्यवस्था न करना संविधान पदत अधिकारों का हनन है। उन्हांेने कहा सन्तों की धार्मिक पद यात्रा पर प्रतिबन्ध राज्य सरकार की तालिबानी हरकत ही है, अयोध्या को मुगलिस्तान नहीं बनने दिया जायेगा। तीखे स्वर में सन्तों ने कहा अयोध्या के व्यापार और मंदिर में आने वाले तीर्थ यात्रियों को भयक्रान्त कर समाज में कौन सा संदेश देना चाहती है यह सरकार। उन्होंने कहा समाज में सन्तों और इस कार्यक्रम के प्रति आक्रोश पैदा कराने के लिए इतने बड़े मात्रा में जगह-जगह पर सुरक्षाकर्मियों को खड़ा किया गया है ताकि समाज में इस कार्यक्रम के प्रति विरोध उत्पन्न हो जाये। जबकि सरकार एक वर्ग विशेष को प्रसन्न कर हिन्दुओं का दमन कर रही है। चल रही पद यात्रा उसी 25 अगस्त को ही प्रारम्भ हो चुकी है। जब सन्त धर्माचार्यों ने सांकेतिक सरयू पूजन कर गिरफ्तारी दी।
दूसरी तरफ अमेठी स्थित सगरा पीठाधिश्वर अभिचैतन्य ब्रह्मचारी महाराज ने 52 लोगों के साथ अयोध्या रामलला के दर्शन तथा पद यात्रा करने की मांग को लेकर अनशन शुरू कर दिया है। उनके इस अनशन में नर, नारी तथा छोटे बच्चे भी बैठे हैं। दूरभाष पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा मंगलवार से प्रारम्भ हुआ यह अनशन तब तक नहीं रूकेगा जब तक अयोध्या में सन्तों को रामलला का दर्शन तथा पद यात्रा नहीं करने दिया जायेगा। अयोध्या सन्त समाज की धार्मिक आधार भूमि है। उनको परिक्रमा उपासना से वंचित तथा उनके मंदिरों में ही नजरबंद किया जाना धार्मिक अपराध है। लगता है देश आज भी औरंगजेब और बाबर के हाथों में कैद हो गया है। उन्होंने कहा जिस प्रकार से केन्द्र सरकार ने मनमोहन सिंह कठपुतली बन गये है ठीक उसी प्रकार से उत्तर प्रदेश में बाबू अखिलेश अपने चचाजान के हाथों में कैद है। सरकार अविलम्ब अयोध्या को बंधनों से मुक्त करें अन्यथा सम्पूर्ण देश सहित विशेषकर उत्तर प्रदेश में मठ-मंदिरों से निकलकर इसका व्यवापक विरोध करेंगे।
जारीकर्ता
विहिप मीडिया सेन्टर अयोध्या
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मा. श्री चम्पतराय जी द्वारा श्रीअयोध्या जी से जारी प्रेसवार्ता
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श्रीअयोध्याजी, 29 अगस्त। सन्त धर्माचार्यों द्वारा अयोध्या की चैरासी कोसी में पद यात्रा आज भी जारी रही। अयोध्या क्षेत्र में रात्रि विश्राम करने के उपरान्त पद यात्री अचानक सुरक्षाकर्मियों को चकमा देते हुये दर्शन नगर होते हुये श्रृंगी ऋषि क्षेत्र में रात्रि विश्राम करते हुये गोसाईगंज भिटौरा पहुचे, इस दौरान गुप्त रहकर उन्होंने कीर्तन भजन भी किया। विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री चम्पतराय ने प्रेस को जारी बयान में कहा पद यात्रा अभी भी इस कठिन परिस्थिति में चल रही है। सन्त धर्माचार्य धार्मिक और सांस्कृतिक मान बिन्दुओं की रक्षा के लिए सदैव तत्पर है और रहेंगे। विहिप सन्तों के इस संकल्प को हर सम्भव पूर्ण कराने में सहयोगी बनी रहेगी। उन्होंने कहा सरकारी दमन से समाज विचलित होने वाला नहीं है।
लखनऊ कारागार से छूटकर अयोध्या पहुंचे मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास तथा निर्वाणीअनी के श्री महंत धर्मदास ने सयुक्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा सन्त समाज को कारागार में डालना और भोजन प्रसाद तक की व्यवस्था न करना संविधान पदत अधिकारों का हनन है। उन्हांेने कहा सन्तों की धार्मिक पद यात्रा पर प्रतिबन्ध राज्य सरकार की तालिबानी हरकत ही है, अयोध्या को मुगलिस्तान नहीं बनने दिया जायेगा। तीखे स्वर में सन्तों ने कहा अयोध्या के व्यापार और मंदिर में आने वाले तीर्थ यात्रियों को भयक्रान्त कर समाज में कौन सा संदेश देना चाहती है यह सरकार। उन्होंने कहा समाज में सन्तों और इस कार्यक्रम के प्रति आक्रोश पैदा कराने के लिए इतने बड़े मात्रा में जगह-जगह पर सुरक्षाकर्मियों को खड़ा किया गया है ताकि समाज में इस कार्यक्रम के प्रति विरोध उत्पन्न हो जाये। जबकि सरकार एक वर्ग विशेष को प्रसन्न कर हिन्दुओं का दमन कर रही है। चल रही पद यात्रा उसी 25 अगस्त को ही प्रारम्भ हो चुकी है। जब सन्त धर्माचार्यों ने सांकेतिक सरयू पूजन कर गिरफ्तारी दी।
दूसरी तरफ अमेठी स्थित सगरा पीठाधिश्वर अभिचैतन्य ब्रह्मचारी महाराज ने 52 लोगों के साथ अयोध्या रामलला के दर्शन तथा पद यात्रा करने की मांग को लेकर अनशन शुरू कर दिया है। उनके इस अनशन में नर, नारी तथा छोटे बच्चे भी बैठे हैं। दूरभाष पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा मंगलवार से प्रारम्भ हुआ यह अनशन तब तक नहीं रूकेगा जब तक अयोध्या में सन्तों को रामलला का दर्शन तथा पद यात्रा नहीं करने दिया जायेगा। अयोध्या सन्त समाज की धार्मिक आधार भूमि है। उनको परिक्रमा उपासना से वंचित तथा उनके मंदिरों में ही नजरबंद किया जाना धार्मिक अपराध है। लगता है देश आज भी औरंगजेब और बाबर के हाथों में कैद हो गया है। उन्होंने कहा जिस प्रकार से केन्द्र सरकार ने मनमोहन सिंह कठपुतली बन गये है ठीक उसी प्रकार से उत्तर प्रदेश में बाबू अखिलेश अपने चचाजान के हाथों में कैद है। सरकार अविलम्ब अयोध्या को बंधनों से मुक्त करें अन्यथा सम्पूर्ण देश सहित विशेषकर उत्तर प्रदेश में मठ-मंदिरों से निकलकर इसका व्यवापक विरोध करेंगे।
जारीकर्ता
विहिप मीडिया सेन्टर अयोध्या
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विश्व हिन्दू परिषद केन्द्रीय कार्यालय
संकटमोचन आश्रम,
रामकृष्णपुरम, से.-6,
नई दिल्ली-22
संकटमोचन आश्रम,
रामकृष्णपुरम, से.-6,
नई दिल्ली-22
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