वेद दुनिया की धरोहर - डा. रूपकिशोर शास्त्री
तारीख: 6/5/2012 3:15:02 PM
(विश्व संवाद केंद्र, आगरा)
बुलन्दशहर, डिबाई, 5 जून 2012 : वेद स्वयं परमात्मा का दिया हुआ ज्ञान है, शाश्वत हैं, अनादि है, जिसके प्रचार प्रसार का कार्य महर्षी दयानन्द सरस्वती नें किया। 12 वीं शताव्दी में महर्षी दयानन्द ने कहा कि वेद के रूप में यह एक दुनिया की अदभुत विरासत है इसे दुनिया ने भी धरोहर माना। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अन्तर्गत महर्षी सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के सचिव डा. रूपकिशोर शास्त्री ने उक्त विचार मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
वे यहाँ महर्षी दयानन्द इन्टर कांलिज उमरारा के प्रतिभा अमिनन्दन समारोह में पधारे थे। उन्होंने जानकारी दी कि उनके सचिव वनने के पश्चात किऐ गये प्रयास से पुरी में पहला और वनारस में दूसरा वेद विद्यालय स्थापित हुआ है। डा0 रूपकिशोर डिबाई के ग्राम इछावरी के निवासी हैं| यहॉं आगमन पर आपका हार्दिक स्वागत किया गया। समारोह में अनेक प्रतिभा सम्पन्न विभूतियों का अमिनन्दन किया गया।
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