भुवनेश्वर :
ओडिशा में समुद्र के रास्ते पांच लाख बांग्लादेशी घुसपैठी पहुंच चुके हैं। यह दावा है ओडिशा भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष अशोक साहू का। असम के डीजीपी रह चुके साहू को आशंका है कि असम की ही तरह ओडिशा में भी किसी भी समय दंगा हो सकता है। इसीलिए बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने के लिए भाजपा की राज्य इकाई ने टास्क फोर्स बनाने की मांग की है।
भाजपा कार्यालय में पार्टी के राज्य उपाध्यक्ष अशोक साहू ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि असम के 126 विधानसभा क्षेत्रों में से 41 ऐसे हैं, जहां बांगलादेशी घुसपैठिए विधायक बनाने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसी कारण कांग्रेस इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहती है। यह समस्या केवल असम की ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय है। असम से भगाए जाने वाले हजारों बांग्लादेशी पूरे देश में फैल रहे हैं। यहां तक कि ओडिशा के चांदीपुर के निकट परमाणु प्रक्षेपण केंद्र के इलाके में भी हजारों बांग्लादेशी मुसलमान रह रहे हैं। ओडिशा के तमाम जिलों के रेलवे स्टेशनों के किनारे व शहरी बस्ती में, समुद्र के किनारे तथा जंगलों में भारी संख्या में बांग्लादेशी मुसलमान रह रहे हैं। समुद्री रास्ते से ओडिशा बांग्लादेश के काफी नजदीक होने के कारण प्रतिदिन तमाम बांग्लादेशी यहां पहुंच रहे हैं। बालेश्वर में तो मार्केटिंग करने के लिए भी बांग्लादेश से लोग आते और वापस चले जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में यदि बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान नहींकी गई, तो ये देश के लिए खतरा बन सकते हैं।
भाजपा ने आरोप लगाया कि इन लोगों को वोट का अधिकार दिलाने के लिए कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी इन्हें मतदाता परिचय पत्र से लेकर राशन कार्ड तक मुहैया कराने में जुटी हुई है। केंद्र सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश को रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठा रही है। इसी कारण असम में बांग्लादेशी मुसलमानों और बोडो आदिवासियों के बीच संघर्ष हो रहा है। अब ओडिशा में भी किसी भी समय ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
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