भुवनेश्वर :vsk
कीट् विश्व विद्यालय में चल रहे हिन्दी कार्यशाला के दूसरे दिन भुवनेश्वर केन्द्रीय संस्थान के व्याख्याता डा. गंगाधर वानोडे ने अपने वक्तव्य में हिन्दी और ओड़िआ के एक रूपता को स्पष्ट करते हुए यह बताया कि प्रतिभागियों को सुनने कौशल के साथ-साथ उस पर चिंतन और मनन की भी आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आज कीट विश्व विद्यालय अपने कर्मचारियों के लिए जिस प्रकार अंग्रेजी और हिन्दी भाषा के कौशल को विकसित करने हेतु कार्यशालाएं चला रहा है वह सचमूच एक प्रशंसनीय कदम है और इसका पूरा लाभ यहां रह रहे और यहां पर काम कर रहे लगभग 50,000 कर्मचारियों एवं छात्रों को मिलेगा। उन्होंने भाषा की संप्रेषणीयता को सरल बनाने के उपायों की भी जानकारी दी और प्रतिभागियों से निवेदन किया कि वे बिना झिझक हिन्दी बोलें। इस अवसर पर उपस्थित वक्ता ए.के.पाण्डे ने बताया कि भाषा सीखना एक दैवी वरदान है, जिसे सतत प्रयास और आत्मबल से सीखा जा सकता है।
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