भुवनेश्वर, vsk
कोणार्क-डमपड़ा, कोणार्क-बालूखंड एवं नंदनकानन अभयारण्य को इको सेनसिटिव जोन (यानी) संवेदनशील इलाका के तौर पर घोषित किया गया है। इसे लेकर जंगल व परिवेश विभाग की ओर से गुरुवार को एक विज्ञप्ति जारी की गई है। जंगल व परिवेश मंत्री देवी प्रसाद मिश्र ने बताया कि उक्त 3 अभयारण्य में पशु-पक्षियों के अनुकूल परिवेश बनाने के लिए जंगल व परिवेश मंत्रालय के नई निर्देशावली के मुताबिक यह नया सेनसिटिव जोन घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि कितने इलाके को लेकर जोन बनेगा एंवं इसमें किस प्रकार की रोक लगाई जाएगी। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। मंत्री ने कहा कि चंदका-डमपड़ा इको सेनसिटिव जोन के लिए चंदका डीएफओ के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है। इसमें बीएमसी के कर्मचारी, जटनी व कटक बीडीए एवं अन्य पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। उसी तरह नंदनकानन जोन के लिए नंदनकानन निदेशक के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है और कोणार्क-बालूखंड जोन के लिए बालूखंड डीएफओ के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई है। यहां उल्लेखनीय है कि सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार केंद्र जंगल व परिवेश मंत्रालय छोटे छोटे अभयारण्य के लिए इको सेनसिटिव जोन बनाने के लिए राज्य को निर्देश दिया है। उसी के अनुसार राज्य के चारों तरफ छोटे छोटे अभयारण्य बनाए जाएंगे एंवं अन्य कार्यधारा पर रोक लगाई जाएगी।
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