संबलपुर, vsk
शुक्रवार की आधी रात के बाद निकली भगवान शिव की बारात भव्य बारात के साथ माता पार्वती के द्वार पर पहुंची और शुभ लग्न में रीति रिवाज के साथ देव दंपति का विवाह संपन्न हो गया। भगवान शिव की इस भव्य बारात में देश-प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए सात हजार से अधिक सांस्कृतिक कलाकार और किन्नरों की टोली शामिल रही। देव दंपति के इस अलौकिक विवाह के बाद शनिवार की आधी रात भगवान शिव और माता पार्वती भव्य शोभायात्रा के साथ मंदिर वापसी के लिए निकलेंगे। देव दंपति के इस युगल दर्शन और भव्य शोभायात्रा को देखने संबलपुर में लाखों का जन-सभागम हो चुका है। शनिवार की रात और रविवार की शाम तक अगर मौसम का मिजाज ठिकठाक रहा और तापमान कम हुआ तो दर्शनर्थियों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है। गौरतलब है कि शुक्रवार का दिन संबलपुर देश का सर्वाधिक तपता शहर रहा। बावजूद इसके देव दंपति के विवाहोत्सव में लाखों लोग जुटे।
शुक्रवार की आधी रात नंदपाड़ा के बम बराड़ बालुंकेश्वर बाबा की बारात नगर परिक्रमण करते बस्ती स्थित मारवाड़ी पंचायती धर्मशाला पहुंची, जबकि झाडुआपाड़ा के लोकनाथ बाबा की बारात कमली बाजार स्थित पाटणेश्वरी कल्याण मंडप, मोदी पाड़ा के जागेश्वर बाबा की बारात दानीपाली, बड़ाबाजार के शीतलेश्वर बाबा की बारात लक्ष्मी टाकिज चौक के निकटस्थ ठाकुरपाड़ा के गुप्तेश्वर बाबा की बारात अईठापाली, दुर्गापाली के गुंडेश्वर बाबा की बारात पटनायकपाड़ा, बुढ़ाराजा के पहाड़ेश्वर बाबा की बारात कल्याण नगर और बालीबंधा के सोमनाथ बाबा की बारात मोदीपाड़ी पहुंची। भगवान शिव की बारात मंडप तक पहुंचने के बाद माता पार्वती के धर्मपिता-धर्ममाता और उनके परिवारवालों ने बारातियों को स्वागत कर मंडप तक ले गए, जहां शुभ लग्न में यह अलौकिक विवाह संपन्न रहा।
भगवान शिव के इस बारात शोभायात्रा में किन्नरों समेत पारंपरिक संबलपुरी नृत्य, असम का बिहु, राजस्थान का घूमर औश्र कालबेलिया, बिहार का नौटंकी, छत्तीसगढ़ का दंडपाठ का दर्पण नृत्य, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के छऊ नृत्य अन्य दल शामिल रहे। देव दंपति की वापसी शोभायात्रा में विभिन्न झांकियों का प्रदर्शित किया जाएगा।
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