Saturday, February 25, 2012

तीन हजार से अधिक वनवासी स्वधर्म में वापस

तीन हजार से अधिक वनवासी स्वधर्म में वापस
Bhubaneswar(visakeo)


उड़ीसा के सुन्दरगढ़ में गत 23 फरवरी को स्वधर्म वापसी का विशाल कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 102 जनजाति गांवों के 658 जनजाति परिवारों ने स्वेच्छा से अपना मूल हिन्दू धर्म स्वीकार किया। 658 जनजाति परिवारों में कुल 3127 लोग थे, जिनमें 1513 पुरुष तथा 1614 महिलाएं थीं। इन परिवारों को कुछ समय पूर्व ईसाई मिशनरियों ने ईसाई मत में जबरन मतांतरित कर दिया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने की।
स्वधर्म वापसी के लिए आयोजित महायज्ञ के शुरू होने से पहले 500 से अधिक महिलाओं ने इब नदी से पवित्र जल लेकर कलश यात्रा निकाली। इसके अलावा विहिप द्वारा झारसुगुड़ा रोड से एक मोटर साइकिल रैली निकाली गई जो शहर का भ्रमण करने के बाद कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। रैली में सौ से अधिक वाहन सम्मिलित हुए।
स्वेच्छा और उल्लास के साथ पुन: हिन्दू धर्म स्वीकार करने वाले परिवारों को धन्यवाद देते हुए डा. तोगड़िया ने कहा कि जनजाति भारत की जड़ें हैं। यह हमारी वर्षों पुरानी परम्परा और संस्कृति के संरक्षक हैं। हमें कुछ भी करके इनकी तथा इनके अधिकारों की रक्षा करनी होगी।
जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण के संबंध में बोलते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से ईसाई अभी भी गरीब जनजातियों को मिलने वाले शिक्षा, नौकरी, ऋण आदि से संबंधित आरक्षण का लाभ ले रहे हैं। इस पर तुरन्त रोक लगनी चाहिए और सभी मतांतरित ईसाई या अन्य ईसाइयों को जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण की सूची से बाहर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह अनुसूचित जाति से ईसाई मत में मतांतरित व्यक्ति को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। ठीक इसी तरह जो जनजाति ईसाई मत में मतांतरित हो जाए उसे जनजाति आरक्षण की सूची से बाहर कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में संशोधन के लिए सन् 1975 में श्री कार्तिक उरांव ने संसद में एक विधेयक प्रस्तुत किया था, परन्तु बिना कोई ठोस कारण बताए उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जबकि 300 सदस्यों ने संशोेधन के पक्ष में हस्ताक्षर किए थे।


डा. तोगड़िया ने कहा कि विहिप जनजातियों का जीवन स्तर उठाने तथा उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार को लेकर विहिप द्वारा हजारों की संख्या में सेवा प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। इन सेवा प्रकल्पों की संख्या आगामी दिनों में और अधिक की जाएगी।
बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक श्री सुभाष चौहान ने कहा कि वनवासियों के उत्थान में अपना जीवन लगाने वाले स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या को तीन साल पूरे हो चुके हैं, पर अभी तक हत्यारों को पकड़ा नहीं गया है। कुछ लोग जंगलों में छुपकर उनकी हत्या की जिम्मेदारी ले रहे हैं। स्वामी जी ने उनको किसी प्रकार से हानि नहीं पहुंचायी थी, तो फिर उन्होंने स्वामी जी की हत्या किसके कहने पर और क्यों की? इसको उन्हें स्पष्ट करना चाहिए।
कार्यक्रम में स्वामी जीवन मुक्तानंद पुरी, विहिप के केन्द्रीय सत्संग प्रमुख डा. बसंत रथ, विहिप पश्चिम उत्कल प्रांत के अध्यक्ष श्री प्रदीप बहिदार, विहिप के प्रदेश संगठन मंत्री श्री शरत कुमार प्रधान तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक श्री बिपिन बिहारी नंद व अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन क्षेत्रीय धर्म प्रसार प्रमुख श्री अच्युतानंद कर ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय गण्यमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।

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