Wednesday, November 26, 2014

विश्व हिन्दू परिषद की बिसरा ब्लाक शाखा कमेटी का गठन

राउरकेला: विश्व हिन्दू परिषद, विहिप की बिसरा ब्लाक शाखा की बैठक भालूलता स्थित बाबा सिद्धेश्वर मंदिर परिसर में हुई। इस बैठक में संगठन को मजबूत करने समेत अंचल की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई। मंगलवार को हुई बैठक में बिसरा ब्लाक की नई कमेटी का गठन भी किया गया।
नवगठित कमेटी में मीनकेतन नायक को अध्यक्ष, सुरेश साहु को कार्यकारी अध्यक्ष, नवल कुमार पाठक को सचिव, ललित सिंह मुंडा को गौ रक्षा प्रमुख, शिवशंकर सिंह को धर्म प्रसार प्रमुख, शिव महतो को सूचना व संपर्क प्रमुख, दीपक पाड़िया को सामाजिक समरसता, नित्यानंद दास को सत्संग प्रमुख बनाया गया। जिलाध्यक्ष राधू मिश्र तथा जिला सचिव नीलकंठ महंती की उपस्थिति में हुई बैठक में आगामी दिनों के कार्यक्रमों पर भी चर्चा की गई।

Golakha Chandra Das
vsk odisha

Monday, November 24, 2014

बजरंग दल को स्वच्छ भारत अभियान

राउरकेला :
स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को बजरंग दल एवं जीपी यंग यूनिट क्लब की ओर से बस्ती की सफाई की गई। इसमें बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए।
बस्ती क्षेत्र के लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करने एवं इलाके को साफ सुथरा रखने के उद्देश्य से बजरंग दल व जीपी यंग यूनिट क्लब की ओर से गोपबंधुपाली अमरनाथ बस्ती इलाके में सफाई अभियान चलाया गया। कार्यकर्ताओं ने गोपबंधुपाली अखाड़ा, तालाब, मंदिर एवं मुख्य मार्ग तक सफाई की गई। इसमें संगठन से जुड़े संतोष सिंह, प्रमोद पोद्दार, बीआरपी वर्मा, भीम महतो, रवि सिंह, श्याम लेहड़े, भोला दास, सुको मंडल, अर्जुन महतो, क्रांति दास, मनोज शर्मा, रवि सिंह, चंदन मंडल, किशोर कुमार यादव, सत्य साहू, विट्टू महतो, बाबू सिंह, सरोज साहू, राजन सामल, मिथिलेश सिंह आदि लोग शामिल हुए। संगठन की ओर से आगे भी यह कार्यक्रम जारी रहेगा।

अखिल विश्व गायत्री परिवार के सप्त क्रांति अभियान

राउरकेला :
अखिल विश्व गायत्री परिवार के सप्त क्रांति अभियान को साकार कर आदर्श ग्राम गठन को लेकर सोमवार को शक्तिपीठ सेक्टर-2 में सात जिलों के प्रतिनिधियों को लेकर बैठक हुई। शांति कुंज हरिद्वार के ओडिशा प्रभारी के समक्ष सभी ने संगठन विस्तार व इसे मजबूत बनाकर काम करने का संकल्प लिया।
गायत्री पीठ सेक्टर-2 राउरकेला में अखिल विश्व गायत्री परिवार के सात जिले के प्रतिनिधियों को लेकर सोमवार को समग्र क्रांति अभियान को साकार रूप देने पर चर्चा की गई। इसमें गायत्री परिवार की ओर से ग्राम के विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की तथा संगठन के विस्तार ग्राम स्तर तक कर इसे सुदृढ करने पर जोर दिया गया। बैठक में गायत्री परिवार के प्रमुख केन्द्र शांति कुंज ओडिशा व छत्तीसगढ़ संगठन प्रभारी गंगाधर चौधरी ने इसमें संगठन के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके साथ शांति कुंज के प्रतिनिधि आनंद मिश्र ने संगठन को मजबूत बनाने पर विस्तार से जानकारी दी। सदस्यों ने वर्ष 2015 में गौ, गंगा, गायत्री एवं ग्राम उत्थान के लिए गायत्री परिवार की ओर से विभिन्न कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया तथा इसकी सफलता के लिए भावी कार्ययोजना पर भी चर्चा की गई। अंत में गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य ट्रस्टी रविनारायण पंडा ने संगठन को गति प्रदान करने के लिए पूर्ण सहयोग देने का भरोसा देने के साथ धन्यवाद ज्ञापित किया।
Golakha Chandra Das
Vsk Odisha

349 लोगों ने की हिन्दू धर्म में वापसी

भुवनेश्वर : मयूरभंज जिले के कप्तिपदा प्रखंड में 82 परिवार फिर से हिन्दु धर्म में लौट आए हैं। कप्तिपदा प्रखंड के शरत भगवत मठ में धर्मरक्षा मंच के प्रयास से यह काम किया गया है। विश्व हिन्दू परिषद की ओर से आयोजित इस धर्मरक्षा महायज्ञ में इन 82 परिवारों के 349 लोगों को पुन: हिन्दू धर्म में वापस लाया गया। इन लोगों की शुद्धि के साथ ही इन्हें हिन्दू धर्म में लौटा लिया गया है। इन लोगों ने प्ररोचन में पड़ कर ईसाई धर्म अपनाया था। विश्व हिन्दू परिषद का कहना है कि निरीह लोगों को बहला-फूसला कर अन्य धर्म में जबरन दीक्षित किया जा रहा है। विहिप ने कहा है कि हम आरंभ से इसका विरोध करते आए हैं और आगे भी हमारा विरोध जारी रहेगा। इस धर्म रक्षा महायज्ञ में विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त केंद्रीय सचिव युगल किशोर सहित अनेक नेता शामिल हुए।
Golakha Chandra Das
vsk Odisha

Thursday, November 20, 2014

विहिप व बजरंगदल के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण बैठक

 राउरकेला :
गोपबंधुपाली में मंगलवार की शाम विहिप व बजरंगदल के पुराने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें हिन्दू हितों की रक्षा पर वार्ड स्तर पर समिति गठन को लेकर विचार विमर्श किया गया।
विश्व हिन्दू परिषद समेत विभिन्न संगठनों से जुड़े वरीय नागरिक संतोष सिंह के मुख्य आतिथ्य में गोपबंधुपाली में हिन्दू संगठनों से जुड़े युवाओं व पूर्व पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें सिंह ने युवाओं से समाज सेवा के साथ साथ राष्ट्र रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने हिन्दू हितों की रक्षा को राष्ट्र सेवा बताते हुए देश व समाज में जागरूकता पर जोर दिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किये गये स्वच्छता अभियान के जरिये समाज के विभिन्न वर्गो को एकसूत्र में जोड़ने का निर्णय लिया गया। 23 नवंबर रविवार की सुबह 10 बजे अंचल में झाड़ू मार कर अभियान को शुरू करने की घोषणा की गई। बजरंगदल से जुड़े रविन्द्र सिंह व सुकांत पाणी की पहल पर हुई बैठक में बजरंगदल के पूर्व पदाधिकारी सोमनाथ पोद्दार, देवदत्त प्रसाद, प्रमोद पोद्दार के अलावा श्याम सिदार, सुनील नायक, दीपू साहणी, क्रांति दास, मनोज शर्मा, कृष्णा बेहरा, रविन्द्र महकुड़, सुरेश नायक, लिखो मंडल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

स्वदेशी जागरण मंच का जिला सम्मेलन संपन्न

राउरकेला: स्वदेशी जागरण मंच, राउरकेला का जिला सम्मेलन संपन्न हो गया है। सेक्टर-17 स्थित सरस्वती विद्यामंदिर में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में संगठन को मजबूत बनाने का आह्वान करने समेत आगामी दिनों के कार्यक्रमों को लेकर विचार विमर्श किया गया।
सोमवार व मंगलवार को आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन आरएसपी के रिफैक्ट्रीज विभाग के डीजीएम कांचन कुमार नायक ने किया। उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं का व्यवहार करने तथा अधिक से अधिक स्वदेशी मेला लगाने पर जोर दिया। सम्मानित अतिथि भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष विवेकानंद महांत ने वर्तमान देशभर में लोगों में स्वदेशी का भावना घर करने की बात कही। मंच के संयोजक रमाकांत पात्र ने दैनिक जीवन में स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग से देश की आर्थिक स्थिति सुधरने की बात कही। अन्य लोगों में सूरत पंडा, भीमसेन नायक, भरत गौड़़ा, रीतेश हालदार आदि थे।
Golakha Chandra Das
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Wednesday, November 19, 2014

रानी गाइदिन्लयू का जन्मशती समारोह

राउरकेला:
वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से महान राष्ट्रवादी रानी गाइदिन्लयू का जन्मशती समारोह सोल्लास मनाया गया। अग्रसेन भवन में आयोजित समारोह में पूर्वाेत्तर राज्यों से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहा।
सोमवार की शाम आयोजित जन्मशती समारोह के विशिष्ट अतिथि मणिपुर से आए प्रो. कामइ रोकोस ने कहा कि महान संस्कृति के बल पर ही विश्व भर में भारत की अलग पहचान है। संस्कृति बचेगी तभी राष्ट्र बचेगा। लेकिन विदेशी शक्तियों द्वारा हमारी संस्कृति को नष्ट कर हमारा परिचय नष्ट करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है, जिससे हमें सतर्क रहने की जरूरत है। पद्मभूषण रानी गाइदिन्लयू बचपन से ही भारत की स्वाधीनता आंदोलन में शामिल हुई थी, इस आंदोलन के कारण उन्हें कई वर्षो तक जेल में रहना पड़ा। स्वाधीनता मिलने के बाद उन्होंने जनजातीय धर्म, संस्कृति तथा परंपरा की सुरक्षा के लिए सदैव संग्राम किया तथा देश की एकता को तो़ड़ने वाले अलगाववादी ताकतों का मंसूबा पूरा होने नहीं दिया। उत्तर पूर्वाचल में जन्म लेने वाली इस महान महिला को श्रद्धांजलि देने का अर्थ देश की राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। जिसका उद्घाटन नगर विधायक दिलीप राय ने दीप प्रज्वलित कर किया। अन्य लोगों में पाणु मांझी, ओमप्रकाश अग्रवाल, डा. केके जैन आदि उपस्थित थे। इससे पूर्व विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन तथा विभिन्न जनजातीय प्रमुख की ओर से रानी गाइदिन्लयू के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। संयोजक रविन्द्र सेठी ने समारोह का संचालन किया।
Golakha Chandra Das
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संघ की जिला कार्यकारिणी की बैठक

राउरकेला:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, आरएसएस की जिला कार्यकारिणी की बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। संघ के पदाधिकारियों ने जिले में संगठन के कार्यो को विस्तार देने का आह्वान स्वयंसेवकों से किया।
हरियाणा भवन में सोमवार को संघ की बैठक में संगठन को विस्तार देने के लिए पारंपरिक रूप से आगामी तीन साल के लिए जिला से लेकर नगर व तहसील के साथ प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों का चयन किया। इस बैठक में संघ के प्रांतीय सह प्रचारक अशोक पटनायक बतौर पर्यवेक्षक उपस्थित रहे। इस बैठक में हृषिकेश राय कालेज के प्रोफेसर डा. सनातन प्रधान को जिला संघचालक तथा नेत्र विशेषज्ञ डा. रामचंद्र मेहेर को राउरकेला नगर का संघचालक चुना गया। वहीं डा. विद्याचरण राणा को विभाग संघचालक की जिम्मेदारी सौंपी गई। बैठक में विभाग प्रचारक प्रणव नायक के अलावा संघ परिवार की विभिन्न इकाइयों से जुड़े युधिष्ठिर महांत, रामचंद्र महांत, रमाकांत पात्र, अमूल्य मिश्र, विशंभरनाथ मिश्र आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। बैठक में पानपोष व बणई अनुमंडल के सभी तहसीलों और प्रखंडों में संघ के कार्यो को मजबूत करने के लिए स्वयंसेवकों से निरंतर व नियमित संपर्क बनाए रखने पर संघ के पदाधिकारियों ने जोर दिया।

Sunday, November 16, 2014

सेवा महाकुंभ सेवा संगम 2014 का समापन



अच्छा मनुष्य बनने को नैतिक शिक्षा जरूरी : डॉ. महापात्र


अच्छा मनुष्य बनने को नैतिक शिक्षा जरूरी : डॉ. महापात्र
, भुवनेश्वर : स्थानीय मंचेश्वर स्थित उत्कल विपणन सहायता समिति परिसर में सेवा भारती के मार्ग दर्शन में आयोजित दो दिवसीय सेवा महाकुंभ सेवा संगम 2014 का समापन हो गया। इस सेवा संगम में ओडिशा के विभिन्न जिलों से आए 136 स्वयंसेवी संगठन के सदस्यों ने भाग लेकर ओडिशा के सामूहिक विकास का खाका तैयार किया। ओडिशा के सामूहिक विकास के लिए आयोजित इस सेवा संगम के अंतिम दिन मुख्य अतिथि एम्स के निदेशक डॉ. अशोक महापात्र ने कहा कि अच्छा समाज बनाने के लिए अच्छे मनुष्य की आवश्यकता होती है। अच्छा मनुष्य बनने के लिए नैतिक शिक्षा की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि देश में मेडिकल के पाठ्यक्रम में नैतिकता न होने से उनमें अमानवीय व्यवहार देखने को मिल रहा है। वे सेवा के बदले व्यापार में शामिल हो रहे हैं, जो कि समाज के लिए हानिकारक है। उन्होंने स्वयंसेवी संगठनों से शारीरिक व बौद्धिक स्वस्थ मनुष्य निर्माण करने हेतु प्रयास करने का आह्वान किया।
उत्कल विपणन सहायता समिति के अध्यक्ष प्रकाश बेताला ने कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए कहा कि सेवाव्रती आगे जिस प्रकार से समर्थ हो सकते हैं, उस दिशा में सेवाव्रतियों को काम करना उचित है। संगठन के सचिव मनसुख लाल सेठिया ने अतिथियों का परिचय दिया, जबकि विजय स्वाई ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख सुहास राव हीरेमठ ने कहा कि घर के लिए काम करने वाला व्यक्ति ही सुखी है। सेवा भाव प्रत्येक भारतीय के हृदय में है। केवल इसे जगाने की जरूरत है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तरफ से भारत में एक लाख 35 हजार सेवा काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी अप्रैल में राष्ट्रीय स्तर पर सेवा संगम कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस सेवा संगम का उद्घाटन करते हुए श्रीमदस्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती ने कहा कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। सेवा पहले परिवार से शुरू होती है। इस अवसर पर समाज के प्रति समर्पित स्वयंसेवी संगठन शारदा निकेतन के मुख्य पूज्य स्वामी प्राणरूपानंद सरस्वती को श्रेष्ठ स्वयंसेवी संगठन के रूप में सम्मानित किया गया। इनके अलावा अपनी शरीर दान करने वाले के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश रघुनाथ दास को भी सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी जगह पर उनकी धर्मपत्‍‌नी प्रेमलता दास ने ग्रहण किया। कार्यक्रम के मीडिया संयोजक गोलख चन्द्र दास ने बताया कि इस अवसर पर विभिन्न सेवा संगठन की तरफ से अपने-अपने श्रेष्ठ कार्य की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।

Golakha Chandra Das
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Monday, November 10, 2014

गौकथा समावेश

बीरमित्रपुर:
हिन्दू संस्कृति व परंपरा की सुरक्षा को गठित हिन्दू सेना की ओर से सोमवार को गौकथा समावेश का आयोजन किया गया। स्थानीय जगन्नाथ मंदिर में आयोजित गौकथा में गौसेवकों ने गौमाता की महता की बखान किया। इसके समेत हिन्दू संस्कृति व गौमाता की सुरक्षा का आह्वान भी किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय गौ क्रांति मंच के ओडिशा प्रभारी हीरालाल ने गौमाता की महता पर प्रकाश डाला। उन्होंने गौवंश को राष्ट्रीय संपदा बताकर इसकी सुरक्षा करने का आह्वान किया। इसके समेत हिन्दू भाई-बहनों से हिन्दू संस्कृति व परंपरा का सम्मान करने का परामर्श दिया गया। इस अवसर पर सम्मानित अतिथि जन जागरण समिति के प्रकाश मंडलकर, सुनील तिवारी आदि ने भी गौमाता की महता पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर इंदरपुर की सुरभि महिला मंच की ओर से कीर्तन भी किया गया।
Golakha Chandra Das
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समाज सेवा कार्यों के लिये मिला मां नंदा देवी सम्मान


Nanda Devi Samman Samarohदेहरादून (विसंके). राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर राजभवन में आयोजित समारोह में कई विभूतियों को सम्मानित किया गया. राज्यपाल डा अजीज कुरैशी ने कहा कि समाज के दुर्बल और असहाय लोगों की सेवा से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं हैं. हम सभी को ऐसे लोगों की सेवा के लिये सदैव तत्पर रहना चाहिये.
समारोह के मुख्य अतिथि थे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और उत्तराखंड प्रभारी श्याम जाजू. उन्होंने सम्मानित होने वाले लोगों की सराहना करते हुए कहा कि यह देवभूमि है और सेवा भाव यहां के लोगों की रग-रग में बसा हुआ है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक डा हरीश ने कहा कि सेवा भाव से किया गया कार्य हर व्यक्ति के लिये अनुकरणीय है. उन्होंने कहा कि सेवा करते समय यह नहीं देखा जाता कि सेवा किसकी की जा रही है. समान भाव से की गयी सेवा का ही प्रतिफल मिलता है. उन्होंने कहा कि आज देश को ऐसे ही लोगों की आवश्यकता है.
इस अवसर पर बसंती बिष्ट, विजय जड़धारी, सच्चिदानंद भारती, डा महेश कुडि़याल, दीपक कुमार तिवारी, कमला पंत, आरपी बलूनी, जसवंत दत्ता को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ चालक चन्द्रपाल सिंह भी मौजूद थे.

जनभागीदारी से होगा विकास : भय्या जी जोशी


Jan Bhagedari se hoga Vikas- Bhayyajiरोहतक. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश (भय्या जी) जोशी ने जनभागीदारी बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए गांवों के विकास को अनिवार्य बताया. उनका कहना है कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है.
रविवार, 9 नवंबर को जिले के भाली आनंदपुर गांव में ग्रामवासियों के सहयोग से नवनिर्मित केशव भवन के लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित ग्रामसभा को संबोधित करते हुए सरकार्यवाह ने कहा कि शासन विकास में सहयोगी हो सकता है, लेकिन उसकी भूमिका मुख्य नहीं हो सकती. उन्होंने जैविक खेती की ओर रुख करने पर भी जोर दिया. ग्रामीणों की ओर से पगड़ी पहनाकर और स्मृति चिह्न प्रदान कर श्री जोशी जी को सम्मानित किया गया.
1सरकार्यवाह ने कहा कि भारतीय समाज की विशेषतायें और अच्छाइयां गांवों में ही दिखती हैं. शहरों में तो सब ओर चकाचौंध दिखाई देती है. पारिवारिक वातावरण गांवों में ही दिखाई देता है. भाईचारे का दर्शन गांवों में ही होता है. उन्होंने कहा कि 1947 के पश्चात शासन में बैठे लोगों की सोच थी कि बड़े-बड़े उद्योग लगाने से ही विकास होगा. भाईचारे की भावना को बनाये रखने की कोशिश नहीं हुई. उद्योग विकसित करते-करते भारत के मूल दर्शन की अनदेखी हुई. परिणाम यह रहा कि विकास की धारा शहरों की ओर मुड़ गई और गांवों की अनदेखी हुई. आज भी बहुत से गांवों में आवागमन की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है.
श्री भय्या जी ने ग्राम विकास की महात्मा गांधी, बिनोवा भावे और जयप्रकाश नारायण की संकल्पना उद्धृत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद बनी सरकारों ने गांवों के विकास की ओर समुचित ध्यान नहीं दिया. आज भी स्थिति यही चल रही है. गावों से शहरों की ओर पलायन इसी का परिणाम है. हालांकि आज भी बहुत से ऐसे युवक हैं जो गांव में ही रहकर गांव के विकास का संकल्प लेकर आगे आ रहे हैं. भाली आनंदपुर में चंद्रशेखर आजाद सेवा समिति की ओर से गांव में चलाये जा रहे प्रकल्प इसका उदाहरण हैं.
2गांवों में लगें उद्योग
गांवों की आवश्यकता की पूर्ति के लिये गांवों में ही कुटीर व अन्य उद्योग लगाये जाने पर भैया जी जोशी ने जोर दिया. उन्होंने कहा कि पहले गांववासियों की सभी जरूरत की चीजों की आपूर्ति गांव में ही हो जाती थीं, लेकिन आजादी के बाद उद्योग शहरों के आसपास लगने के कारण परिदृश्य बहुत कुछ बदल गया. ग्रामीणों को हर आवश्यकता के लिये शहर की ओर दौड़ लगाना अपरिहार्य हो गया.
अन्य गांवों को दिशा देगा भाली आनंदपुर
सरकार्यवाह ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि भाली आनंदपुर अन्य गांवों के लोगों को सही दिशा दिखाने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ग्रामवासियों ने अपने प्रयासों से कई सेवा प्रकल्प चलाने के लिये तीन मंजिला भवन का निर्माण किया है, वह सराहनीय है. अन्य गांवों के लोग यहां से सीखकर अपने गांवों में प्रकल्प चलायेंगे. उन्होंने कहा कि इस ग्राम की कीर्ति ही नहीं फैलेगी, बल्कि यह प्रेरणा का केंद्र बनेगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीण संगठित होकर ग्राम विकास के काम में जुटेंगे तो प्रशासन और उद्योगपति खुद साथ चले आयेंगे.
3जैविक खेती की ओर मुडऩा होगा
जोशी जी ने कहा कि किसानों को फिर से जैविक खेती की ओर मुडऩा होगा. उन्होंने कहा कि हालांकि हरित क्रांति से बहुत से फायदे हुये, लेकिन नुकसान भी हुआ. फिर से हमें जैविक खेती की ओर रुख करना होगा. कृषि विश्वविद्यालयों को ही नहीं, समाज को भी इस ओर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि हरित क्रांति के कारण कृषि में जहां संकर बीज आये, वहीं रसायनिक खाद की खपत बढ़ी. इससे सिंचाई के लिये अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता पड़ी. अधिक पानी के कारण फसलों में कीट बढ़े तो कीटनाशकों का अधिक उपयोग होना शुरू हुआ. कीट नियंत्रक और कीट नियोजक इसी का दुष्परिणाम हैं. अब कृषि वैज्ञानिक भी अपनी इस गलती को स्वीकारने लगे हैं. नई तकनीक और ज्ञान के अनुप्रयोग से पहले संभाव्य नुकसान के बारे में सोचना होगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को अपनी समस्यायें समझकर उनका समाधान स्वयं निकालना होगा.
djh M.Sarkaryawah Baiyya ji Joshiशिक्षा और स्वास्थ्य में पिछड़े गांव
उन्होंने कहा कि गांव आज भी शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में पिछड़े हैं. उन्होंने गांव-गांव में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज भी देश में बहुत से ऐसे गांव हैं, जहां स्कूल के लिये भवन तो हैं, लेकिन अध्यापक नहीं हैं. यह व्यवस्था तभी ठीक होगी, जब शिक्षक अपने व्यवसाय को मिशन के रूप में लेंगे. कार्यक्रम की शुरुआत में छात्राओं स्वागत गीत प्रस्तुत किया. महिलाओं ने हरियाणवी लोकगीत के माध्यम से देशभक्ति का संदेश दिया. कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम से हुआ.
भवन लोकार्पण पर हवन का आयोजन
केशव भवन के लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर नवनिर्मित भवन में हवन का आयोजन किया गया. इस दौरान सरकार्यवाह जी ने भी आहुति डाली. हवन में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों के अलावा कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
ये रहे मुख्य रूप से उपस्थित
ग्रामसभा की अध्यक्षता रिटायर्ड डिप्टी कमांडेंट जिले सिंह कुंडू ने की. कार्यक्रम में मुख्य रूप से आरएसएस के उत्तर क्षेत्र के संघचालक माननीय बजरंग लाल गुप्त, प्रांत संघचालक माननीय मेजर (रिटायर्ड) करतार सिंह जी, संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य मधुभाई कुलकर्णी,  वेटरनरी साइंस इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर भूपेंद्र सिंह मलिक जी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे.
4गांव में चल रहे ये प्रकल्प
शहीद चंद्रशेखर आजाद सेवा समिति की ओर से गांव में कई प्रकल्प चलाये जा रहे हैं. कुछ वर्ष पूर्व गांव में शुरू हुई संघ की शाखा के स्वयंसेवकों ने समिति गठित करके प्रकल्प शुरू किये. गांव में ये प्रकल्प चलाये जा रहे हैं.
- बाल संस्कार केंद्र
- महारानी लक्ष्मीबाई सिलाई केंद्र
- महर्षि दयानंद पुस्तकालय
- लाला हरदयाल पुस्तकालय (बुक बैंक)
- तक्षशिला विद्या केंद्र
- नागार्जुन अध्ययन केंद्र (कोचिंग सेंटर)
- किसान सेवा केंद्र
- छात्रावास
- पर्यावरण जागरूकता के लिये विशेष वृक्षारोपण अभियान

Sunday, November 09, 2014

परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 मिसाइल

बालेश्वर : परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 मिसाइल का रविवार को सुबह 9.35 बजे सफल परीक्षण किया गया। इसे ह्वीलर द्वीप स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आइटीआर) से दागा गया।
यह मिसाइल दो हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है। सहत से सतह पर मार करने वाली मध्यम दूरी की इस मिसाइल का परीक्षण आइटीआर के लाच काप्लेक्स-4 द्वारा रेल मोबाइल प्रणाली से किया गया। स्वदेश निर्मित 21 मीटर लंबी यह मिसाइल एक हजार किलोग्राम तक का भार वहन कर सकती है। यह दो स्तर के ठोस इंजन द्वारा संचालित बैलेस्टिक मिसाइल है। परीक्षण सेना के सामरिक बल कमान ने डीआरडीओ की मदद से किया। मिसाइल अग्नि श्रृंखला का एक हिस्सा है। इसमें अग्नि-1 और अग्नि-3 शामिल हैं। अग्नि-2 का पहला परीक्षण 11 अप्रैल 1999 में किया गया था। परीक्षण के मौके पर डीआरडीओ व आइटीआर के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अधिकारियों का दल मौजूद था।
क्या है बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र
तकनीकी दृष्टि से बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र या बैलेस्टिक मिसाइल उस प्रक्षेपास्त्र को कहते हैं जिसका प्रक्षेपण पथ सब अर्बिकल बैलेस्टिक पथ होता है। इसका उपयोग किसी हथियार (नाभिकीय अस्त्र) के लक्ष्य पर दागने के लिए किया जाता है। ये मिसाइल अपने प्रक्षेपण के प्रारंभिक चरण में ही केवल गाइड की जाती है। इसके बाद का पथ अर्बिकल मेकानिक्स के सिद्धातों एवं बैलेस्टिक सिद्धातों से निर्धारित होता है। अभी तक इसे रासायनिक इंजनों द्वारा प्राणोजित किया जाता है।

Sunday, November 02, 2014

SarSanghchalak Mohan Bhagwat to attend the Yuva Sankalp Shivir, the 3-day RSS Camp at Agra


Mohan Bhagwat jiAgra: A three-day “Yuva Sankalp Shivir” organised by the RSS begins today, from November 1st , at Astha City in Agra.
RSS SarSanghachalak Mohan Bhagwat will interact with the young students participating in this conclave.
Around 5,000 youth, most of them graduates and undergraduates are participating in the Yuva Sankalp Shivir. Eminent educationists such as Anand Kumar, founder of the Patna-based “Super-30” training school for IIT entrance, and Union Minister General VK Singh will address the youth at the conclave.
“Through the Yuva Sankalp Shivir, RSS plans to come directly in touch with the students. The Sangh’s focus is on students who have passed Class XII and are pursuing their Degree courses. The idea of this Shivir is to give young minds the right direction and a motto in life,” said Padam Singh, Brij-Prant Students’ (working) in-charge of RSS.
Singh explained that RSS had approached around 30,000 students from various colleges across 12 cities that includes Agra, Mathura, Bareilly and Aligarh, among others. The 5,000 students who finally made it to the camp were selected after several rounds of group discussions.
“We wanted to short list leaders from among the students. Leaders in terms of those who have leadership qualities, so that they can spread the knowledge given by us to the masses. I expect that the 5000 students who will stay with us in the camp will create many others like them at their homes and in their respective friend circles,” explained Padam Singh.

Arunima selected for Prof. Kelkar Youth Award


arunima_090214031306Mumbai. Sushri Arunima Sinha, the first female amputee to climb Mount Everest,  is selected for Prof. Yeshwant Rao Kelkar Youth Award (YuvaPuraskar) 2014.
The ‘YuvaPuraskar 2014 Selection Committee’ has decided to select the nomination of Sushri Arunima Sinha (Ambedkar Nagar, Uttar Pradesh), the first Bharatiya amputee to climb Mount Everest for ‘Prof. Yashwant Rao Kelkar Yuva Puraskar 2014’. This selection has been made to recognise remarkable history creation by conquering the highest peak in the world with artificial leg and her fighting spirit against all odds and dedicated social work. This being very rare example of overcoming challenges with great courage and unparalleled will power and dedication, we appreciate it. Arunima Sinha stands as a source of inspiration for youths across the world.
This award is given in the memory of Late Prof. Yeshwant Rao Kelkar whose contribution was like a foundation stone to build up and flourish ABVP, the world’s largest student organization. This award has been given since 1991. This is a collaborative activity of ABVP and ‘Vidyarthi Nidhi Trust’, both committed for the cause of upliftment of education and students.’ The idea behind this award is to encourage young social workers, engaged in various social welfare activities and to offer them a platform, thereby to motivate other youth for social work as well as to express gratitude to the young social workers. The award comprises of Rs 50000/- cash, certificate and a memento.
Arunima Sinha, a former national volleyball and football player, was pushed out of general coach of Padmawat Express after she strongly resisted thieves wanting to snatch her bag and gold chain. She was hit by a passing train which crushed her left leg below knee. The leg was amputated by doctors to save her life. While undergoing treatment for 4 months in AIIMS she could not do anything on her own. The life ahead was very difficult for her. But brave heart Arunima bounce back and resolved to do something with her life, resolved to climb Mount Everest. Then rest is the history.
She excelled in the basic mountaineering course and took training and guidance from Bachendri Pal, the first Bharatiya woman to climb Mt. Everest. After 52 days of ascent, on May 21, 2013 with hard toil of 17 hours Arunima Sinha reached the summit of Mt. Everest and created the history. She is now dedicated for the social work of “Pandit Chandra Shekhar Azad VikalangKhel Academy” which will give free training and guidance for poor and differently- abled persons in various sports.
Sushri Arunima Sinha will be felicitated with the Prof. Yashwant Rao KelkarYuva Award of 2014 on 16thNovember 2014 in a special function at the National Conference of Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad held on 14-16th Nov. 2014 at Amritsar (Punjab)