बालेश्वर : परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 मिसाइल का रविवार को सुबह 9.35 बजे सफल परीक्षण किया गया। इसे ह्वीलर द्वीप स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आइटीआर) से दागा गया।
यह मिसाइल दो हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है। सहत से सतह पर मार करने वाली मध्यम दूरी की इस मिसाइल का परीक्षण आइटीआर के लाच काप्लेक्स-4 द्वारा रेल मोबाइल प्रणाली से किया गया। स्वदेश निर्मित 21 मीटर लंबी यह मिसाइल एक हजार किलोग्राम तक का भार वहन कर सकती है। यह दो स्तर के ठोस इंजन द्वारा संचालित बैलेस्टिक मिसाइल है। परीक्षण सेना के सामरिक बल कमान ने डीआरडीओ की मदद से किया। मिसाइल अग्नि श्रृंखला का एक हिस्सा है। इसमें अग्नि-1 और अग्नि-3 शामिल हैं। अग्नि-2 का पहला परीक्षण 11 अप्रैल 1999 में किया गया था। परीक्षण के मौके पर डीआरडीओ व आइटीआर के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अधिकारियों का दल मौजूद था।
क्या है बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र
तकनीकी दृष्टि से बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र या बैलेस्टिक मिसाइल उस प्रक्षेपास्त्र को कहते हैं जिसका प्रक्षेपण पथ सब अर्बिकल बैलेस्टिक पथ होता है। इसका उपयोग किसी हथियार (नाभिकीय अस्त्र) के लक्ष्य पर दागने के लिए किया जाता है। ये मिसाइल अपने प्रक्षेपण के प्रारंभिक चरण में ही केवल गाइड की जाती है। इसके बाद का पथ अर्बिकल मेकानिक्स के सिद्धातों एवं बैलेस्टिक सिद्धातों से निर्धारित होता है। अभी तक इसे रासायनिक इंजनों द्वारा प्राणोजित किया जाता है।
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