Tuesday, April 25, 2017

साधना के बिना प्रतिभा का सामर्थ्य असंभव होता है – डॉ. मोहन भागवत जी

मुंबई (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि अपनी प्रतिभा के प्रकाश से जगमगाने वाली प्रतिभाओं की नक्षत्र मालिका को अभिवादन करता हूँ. आज सम्मानित हुई प्रतिभाओं का सम्मान मैं करूँ, ऐसा मेरे पास कुछ भी नहीं है. फिर भी इस कार्यक्रम में आया हूँ, उत्कर्ष के नित नए शिखरों को छूने वाली इन प्रतिभाशाली शख्सियतों के कृतित्व के परिचय से, मनोगत से सामने आने वाले भारत के उज्ज्वल भविष्य का दर्शन करने के लिए. साधना के बिना प्रतिभा का सामर्थ्य असंभव होता है. और साधना करते हुए, उन क्षेत्रों में काम करते समय प्रतिष्ठा, पुरस्कार, सम्मान की अपेक्षा रखकर प्रदर्शन नहीं किया जा सकता. लेकिन यह मन में, और कृति में होता है कि सफलता के कारण समाज का, देश का सम्मान बढ़ेगा.
सरसंघचालक जी 24 अप्रैल को मराठी संगीत की रंगभूमि के संगीत सूर्य मा. दीनानाथ मंगेशकर जी की 75वीं पुण्यतिथि के अवसर पर मुंबई में श्रीषण्मुखानंद चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती सभागृह में मा. दीनानाथ प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित मा. दीनानाथ पुरस्कार वितरण और संगीतमय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.
सरसंघचालक जी ने कहा कि सावली संस्था के किशोर देशपांडे को समाज के दुखी जनों का दुख दूर करने का काम किसी ने दिया नहीं था, बल्कि यह उनके अंतर्मन की सहानुभूति थी. संतों ने कहा है कि सहानुभूति रखने वाले लाभ की आशा किए बिना प्रीति करते हैं. कपिलदेव और अन्य पुरस्कार विजेताओं के अनुभव कथन से यही व्यक्त हुआ है.
गायन के बारे में भी ऐसा ही है. `गंगा जले, गंगा पूजा’ यह व्यवहार नहीं बल्कि संस्कार है. गंगा में खड़े रह कर उसी के पानी से अंजुली भरकर उसी के अर्घ्य से गंगा का पूजन करना यही संस्कार कला भी देती है. इसीलिए यह सम्मान केवल इन प्रतिभाओं का, उनके कलाक्षेत्रों तक सीमित न रहते हुए संपूर्ण भारत का हो जाता है. वर्तमान भारत में कुछ अच्छा नहीं हो रहा है, ऐसा संभ्रम भी दूर किया हो रहा है. उत्तम, उज्ज्वल कल की आशा का दर्शन यहीं होता है. इसीलिए ऐसे कार्यक्रमों में आना चाहिए. यहां आकर अपने अंतर्मन की ज्योति प्रकट करनी चाहिए और अपनी मर्यादित क्षमता का समाज के उन्नयन के लिए उपयोग में लाए जाने की भावना से काम करना चाहि‍ए. ये सभी प्रतिभावान सूर्य की तरह हैं, लेकिन यदि सूर्य छुट्टी पर जाने की बात कह दे तो किसी छोटे से दीपक के प्रकाश का अस्तित्व जीवंत रखने जैसा संस्कार ऐसे कार्यक्रमों से मिलता है. ऐसे कार्यक्रमों का यही प्रयोजन होता है. आमिर खान जैसे अभिनेता की वेशभूषा का अनुकरण होते हुए हम देखते हैं. प्रतिभाशाली लोगों का यही सामर्थ्य होता है. समाज उनके पीछे चलने का प्रयास करता रहता है.
डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि अस्तित्वहीन अंधकार को छोटे से प्रकाश पुंज से प्रकाशित किया जा सकता है. ऐसा सामर्थ्य, ऐसा विश्वास देने वाली इस नक्षत्र मालिका को और इन्हें पुरस्कृत करने वाले मास्टर दीनानाथ जी के `दिव्य स्वातंत्र्य सूर्य’ की आराधक विरासत को अधिक तेज से उद्दीप्त करने वाली लता दीदी के सामर्थ्यपूर्ण नेतृत्व में कार्यरत मंगेशकर परिवार को नमस्कार करके मैं अपनी धन्यता प्रकट करता हूँ.


60 वर्षों में वामपंथियों ने केरल में सैकड़ों कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या की – रणवीर जी

देहरादून (विसंकें). केरल में माकपा सरकार के संरक्षण में राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं पर हो रहे खूनी हमले एवं नरसंहार के विरोध में लोक अधिकार मंच देहरादून द्वारा विशाल प्रदर्शन किया गया. जिसमें देहरादून के एसडीम गणेश मर्तोलिया और एसपी सिटी अजय सिंह के माध्यम से राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन भी भेजा गया. विरोध प्रदर्शन में मंच के संरक्षक शशिकान्त दीक्षित जी ने कहा कि केरल सनातन समय से ही राष्ट्रवादी व हिन्दू धार्मिक विचार धारा से ओत-प्रोत है और संघ कार्य बढ़ने पर वामपंथियों ने संघ शाखा में खेलते और व्यायाम करते स्वयंसेवकों पर सशस्त्र हमले किये. यही नहीं काम-धंधों में लगे कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याएं भी इनके द्वारा की गयीं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र शारीरिक शिक्षण प्रमुख रणवीर जी ने कहा कि हिन्दू की उदारता ही उसके लिए शत्रु का कार्य कर रही है. जिसे सद्गुण विकृति भी कहते हैं और यही स्थिति पूरे भारत की है. इसी स्थिति का लाभ उठाकर भारत में बाहर से आये विभिन्न वैचारिक आक्रांताओं ने भारत को गुलाम बनाया. उन्हीं में से एक साम्यवादी विचारधारा है. जिसने भारत की वसुधैव कुटुम्बकम् एवं कृण्वन्तो विश्वमार्यम् जैसी अवधारणा से भारतीय जनमानस को दूर करने का प्रयास किया. इसी साम्यवादी विचारधारा की सरकार बनने के बाद केरल के कन्नूर जिला सहित विभिन्न स्थानों पर पिछले 8 महीनों में 08 लोगों की निर्मम हत्याएं की गई और वहां पर भय का वातावरण बनाने का प्रयास किया गया. पिछले 60 वर्षों में राष्ट्रवादी विचारधारा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी.
राष्ट्र सेविका समिति की प्रान्त कार्यवाहिका डॉ. अंजली वर्मा जी ने कहा कि केरल भगवान की भूमि है और वहां पर वांमपंथी सरकार का शासन है. हम महामहिम राष्ट्रपति जी से अनुरोध करते हैं कि वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
अनिल नन्दा जी ने कहा कि केरल में साम्यवादी विचारधारा के लोग सुनियोजित एवं विभत्स तरीके से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अ.भा.वि.प., भाजपा एवं अन्य राष्ट्रवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या कर भय का वातावरण बना रहे हैं. इन हत्याओं को वहां की साम्यवादी विचारधारा वाली सरकार का संरक्षण प्राप्त है.
विरोध प्रदर्शन का संचालन मंच के संयोजक हिमांशु अग्रवाल जी ने किया. प्रदर्शन में गणमान्यजन, बुद्धिजीवी, व नागरिक उपस्थित थे. राष्ट्रीय कवि संगम के प्रान्त संयोजक श्रीकांत शर्मा जी ने अपनी कविता के माध्यम से केरल में दिवंगत राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं को श्रद्धान्जली प्रदान की.

News Paper cutting Release of annual souvenir of Viswa Sambad Kendra DEBABHUMI Odiya Bhasa issue














Monday, April 24, 2017

धूलिकण चित्र प्रदर्शनी का आयोजन

भोपाल (विसंकें). श्री कला संस्थान, भोपाल द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी की जयंती के अवसर पर चित्रकला प्रदर्शनी “धूलिकण” का आयोजन स्वराज कला वीथिका भोपाल में किया गया.

हिन्दू हित संरक्षण समिति ने आगरा में किया विरोध प्रदर्शन

केरल में हिंसा को रोकने के लिये राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
ब्रज (विसंकें). केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विचार परिवार संगठनों के कार्यकर्ता लगातार वामपंथी हिंसा का शिकार हो रहे हैं. पिछले कुछ समय से हिंसक घटनाओं में चिंतित करने वाली वृद्धि से आहत ताजनगरी के स्वयंसेवकों, बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रविवार को शहर के मध्य संजय प्लेस में विशाल धरना देकर केरल की सरकार को उसके संवैधानिक दायित्वों का बोध कराया. हिन्दू हित रक्षण समिति के तत्वाधान में आयोजित प्रदर्शन में बुद्धिजीवियों ने केरल में मार्क्सवादी हिंसा को मुख्यमंत्री पी. विजयन के संरक्षण देने और राज्य सरकार द्वारा हिंसा को रोकने के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाए जाने पर चिंता व्यक्त की.
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रज प्रांत प्रचार प्रमुख प्रदीप कुमार जी ने कहा कि केरल में जारी हिंसा में स्पष्ट तौर पर माकपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं की संलिप्तता उजागर हुई है. लेकिन राज्य सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाया है, बल्कि घटनाओं की लीपापोती करने का प्रयास जरूर किया है. अगर इतिहास को देखें तो ज्ञात होता है कि जहां भी कम्युनिस्ट शासन रहा है, वहां विरोधी विचार को खत्म करने के लिए मार्क्सवादी कार्यकर्ताओं ने सड़कों को खून से रंग दिया है. वामपंथी विचार के मूल में तानाशाही और हिंसा है. उन्होंने कहा कि केरल में वामपंथी विचारधारा से शिक्षित लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे संबंध रखने वाले लोगों की जिस क्रूरता से हत्या कर रहे हैं, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. हमें संविधान के दायरे में रहकर केरल में जारी हिंसा और पशुता को रोकने का सामूहिक प्रयास आज से ही प्रारंभ कर देना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रज प्रांत संपर्क प्रमुख अशोक कुलश्रेष्ठ जी ने हिंसा के तत्थ्यों को रखते हुए कहा कि इस जंगलराज में महिला और मासूम बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं. चिंता की बात यह भी है कि इन घटनाओं पर तथाकथित बुद्धिजीवी जगत में अजीब-सी खामोशी पसरी हुई है.
राष्ट्रीय सेवा भारती के क्षेत्रीय समन्वयक सतीश अग्रवाल जी ने कहा कि कार्यकर्ताओं के घरों पर हिंसक हमला करके दंगाईयों ने मारकाट की व घरों में आग लगा दी. यह संभवतया पहला अवसर है, जब राजनैतिक विद्वेष से प्रेरित दंगाईयों ने महिलाओं पर जानलेवा हमला करते हुए उन्हें मारने का दुष्कृत्य किया है. सभा का संचालन विभाग कार्यवाह केशवदेव शर्मा जी, रमन अग्रवाल जी ने किया. विरोध प्रदर्शन में गणमान्यजनों, नागरिकों, बुद्धिजीवियों ने भाग लिया.
राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
धरना स्थल पर एडीएम सिटी धर्मेंद्र सिंह को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में केरल में हो रहे नरसंहार और हिंसक घटनाओं को रोकने के लिये केरल सरकार को कदम उठाने का आग्रह किया तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनैतिक मतभिन्नता के कारण हिंसक मारपीट में युवा नागरिकों के मारे जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
हिंसा में पीड़ितों की करेंगे सहायता
विरोध प्रदर्शन के दौरान निर्णय लिया गया कि योगक्षेम ट्रस्ट द्वारा केरल हिंसा के पीड़ित कार्यकर्ताओं की सहायता के लिए धनराशि जुटाकर उनकी आर्थिक सहायता की जाएगी. धरना स्थल पर हिन्दू हित रक्षण समिति द्वारा केरल हिंसा पर एक चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया.

Saturday, April 22, 2017

6 ट्रकों में ले जाई जा रही 80 गायों को पुलिस ने छुड़ाया

शिमला (विसंकें). हिमाचल में गो तस्करी के एक नए मामले में मंडी पुलिस ने कुछ संदिग्धों की धरपकड़ की है. एएसपी मंडी कुलभूषण वर्मा ने बल्ह थाना पुलिस टीम के साथ कलखर में नाके के दौरान गायों से भरे 6 ट्रक पकड़ने में सफलता हासिल की है. इन 6 ट्रकों में 80 के करीब गायों को ले जाया जा रहा था. इस बारे में पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि ट्रकों में दुधारू गायों को जबरन ठूंस-ठूंस कर ले जाया जा रहा है. सूचना के आधार पर पुलिस ने कलखर के पास नाका लगाया हुआ था. पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है जबकि कुछ लोग रात का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गये हैं.
एएसपी मंडी कुलभूषण वर्मा से प्राप्त जानकारी के अनुसार पकड़ी गई अधिकतर गाएं दुधारू हैं. जिन्हें ढाबण और नेरचौक के आसपास के इलाकों से पंजाब ले जाया जा रहा था. पकड़े गए लोगों ने पुलिस को बताया कि वह दुधारू गायों को पंजाब बेचने के लिए ले जा रहे थे क्योंकि वहां पर इनकी काफी ज्यादा डिमांड रहती है. एएसपी मंडी कुलभूषण वर्मा ने कहा कि हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है. इन गायों को रात को ही संबंधित पंचायतों के हवाले कर दिया गया है. पकड़े गये ट्रकों को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है और गायों को ले जा रहे लोगों के विरुद्ध पशु अत्याचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है. पुलिस का सिर्फ इतना कहना है कि एक ट्रक में 12 से 13 गायों को ले जाया जा रहा था जो पशु अत्याचार है और उसी के तहत कार्रवाई भी की गई है.

Monday, April 17, 2017

भारत विकास परिषद संबलपुर शाखा की शपथ ग्रहण समारोह

संबलपुर :
भारत विकास परिषद संबलपुर शाखा की ओर से रविवार को महानदी क्लब परिसर में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। इसमें परिषद के नए कार्यकर्ताओं ने शपथ ली। प्रदेश इस मौके पर मुख्य रूप से अध्यक्ष जगत मोहन खुंटिया, महासचिव पूर्णचंद्र खुंटिया, सचिव प्रफुल्ल दास व कार्यकारी सचिव श्रीधर साहू उपस्थित थे।
परिषद के नए शाखा अध्यक्ष डॉ. विनोद बिहारी नायक, सचिव इंजीनियर दीपक पृष्ठि, उपाध्यक्ष सत्यव्रत पति और कोषाध्यक्ष सुरेश डालमिया ने शपथ ग्रहण के साथ ही आगामी कार्यक्रमों की भी संक्षिप्त जानकारी दी।

दंगा फैलाने के आरोप में सत्ताधारी दल बीजद के वार्ड 15 के पार्षद शुभंकर महापात्र को गिरफ्तार

 भुवनेश्वर  : सोशल मीडिया में हिंदू देवी- देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर भद्रक में फैली दंगे की आग अब धीरे- धीरे सामान्य हो रही है। सोमवार को सुबह छह से शाम छह बजे तक क‌र्फ्यू में ढील दी गई। स्कूल- कॉलेज भी खुलने लगे हैं। लोग जरूरत की खरीदारी के लिए बाजारों में पहुंच रहे हैं।
इधर, दंगाइयों की तलाश में जुटी पुलिस को सफलता मिली है। पुलिस ने दंगा फैलाने के आरोप में सत्ताधारी दल बीजद के वार्ड 15 के पार्षद शुभंकर महापात्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उनके खिलाफ पुलिस ने दंगा फैलाने एवं हत्या के प्रयास जैसे दो संगीन मामले दर्ज किए हैं।
भद्रक के एसपी अनूप साहू ने दंगा फैलाने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश के आधार पर भद्रक टाउन थाना आइआइसी (थाना प्रभारी) मनोज राउत, ग्रामांचल थाना आइआइसी सुदर्शन गांगेई एवं पुराने बाजार के आइआइसी हरेकृष्ण दास के नेतृत्व में शहर के विभिन्न जगहों पर पुलिस छापेमारी कर रही है।

Sunday, April 16, 2017

Odisha News


ओड़िया साहित्य का स्वर्णकाल था पंचसखा युग : डॉ. बसंत

भुवनेश्वर : अखिल भारतीय साहित्य परिषद ओडिशा शाखा क्षेत्र की साहित्य आलोचना बैठक शैलश्री बिहार सरस्वती शिशु मंदिर हुई। इसमें उत्कलीय नववर्ष परंपरा व पंचसखा युग के अवदान पर चर्चा हुई। बैठक में शामिल सात जिलों 23 प्रतिनिधियों ने दो सत्र में इन विषयों पर अपने विचार रखे। प्रो. रघुनाथ पंडा की अध्यक्षता चले प्रथम सत्र में ओड़िया नववर्ष को बुद्धिजीवियों ने सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए इस दिन बनने वाले पड़ा की विधि को वैज्ञानिक बताया। एन दास ने कहा कि समाज को एक सूत्र में बांधने के लिए मनीषियों द्वारा पर्व व त्योहार की परिकल्पना की गई है। परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. नरेश चंद्र पाणी की अध्यक्षता में हुए दूसरे सत्र में पंचसखा युग पर चर्चा हुई। इसमें डॉ. बसंत पंडा ने पंचसखा युग को ओड़िया साहित्य का स्वर्णकाल बताते हुए कहा कि इस काल में लोक साहित्य की रचना हुई जो बाद में ओड़िया भाषा का आधार बनी। सारला दास की ओड़िया महाभारत हो या फिर जगन्नाथ दास की भागवत अथवा अच्युतानन्द दास की हरिवंश हो या फिर बलराम दास की दाडी रामायण, ये सभी ग्रंथ हमारे जनमानस को आंदोलित करने वाली कृतियां साबित हुई। इसके बाद परिषद के साधारण संपादक संतोष महापात्र के संयोजन में काव्य गोष्ठी भी हुई। जिसमें युवा कवियों ने अपनी- अपनी रचनाएं सुनाई। -