देहरादून (विसंकें). केरल में माकपा सरकार के संरक्षण में राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं पर हो रहे खूनी हमले एवं नरसंहार के विरोध में लोक अधिकार मंच देहरादून द्वारा विशाल प्रदर्शन किया गया. जिसमें देहरादून के एसडीम गणेश मर्तोलिया और एसपी सिटी अजय सिंह के माध्यम से राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन भी भेजा गया. विरोध प्रदर्शन में मंच के संरक्षक शशिकान्त दीक्षित जी ने कहा कि केरल सनातन समय से ही राष्ट्रवादी व हिन्दू धार्मिक विचार धारा से ओत-प्रोत है और संघ कार्य बढ़ने पर वामपंथियों ने संघ शाखा में खेलते और व्यायाम करते स्वयंसेवकों पर सशस्त्र हमले किये. यही नहीं काम-धंधों में लगे कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याएं भी इनके द्वारा की गयीं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र शारीरिक शिक्षण प्रमुख रणवीर जी ने कहा कि हिन्दू की उदारता ही उसके लिए शत्रु का कार्य कर रही है. जिसे सद्गुण विकृति भी कहते हैं और यही स्थिति पूरे भारत की है. इसी स्थिति का लाभ उठाकर भारत में बाहर से आये विभिन्न वैचारिक आक्रांताओं ने भारत को गुलाम बनाया. उन्हीं में से एक साम्यवादी विचारधारा है. जिसने भारत की वसुधैव कुटुम्बकम् एवं कृण्वन्तो विश्वमार्यम् जैसी अवधारणा से भारतीय जनमानस को दूर करने का प्रयास किया. इसी साम्यवादी विचारधारा की सरकार बनने के बाद केरल के कन्नूर जिला सहित विभिन्न स्थानों पर पिछले 8 महीनों में 08 लोगों की निर्मम हत्याएं की गई और वहां पर भय का वातावरण बनाने का प्रयास किया गया. पिछले 60 वर्षों में राष्ट्रवादी विचारधारा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी.
राष्ट्र सेविका समिति की प्रान्त कार्यवाहिका डॉ. अंजली वर्मा जी ने कहा कि केरल भगवान की भूमि है और वहां पर वांमपंथी सरकार का शासन है. हम महामहिम राष्ट्रपति जी से अनुरोध करते हैं कि वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
अनिल नन्दा जी ने कहा कि केरल में साम्यवादी विचारधारा के लोग सुनियोजित एवं विभत्स तरीके से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अ.भा.वि.प., भाजपा एवं अन्य राष्ट्रवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या कर भय का वातावरण बना रहे हैं. इन हत्याओं को वहां की साम्यवादी विचारधारा वाली सरकार का संरक्षण प्राप्त है.
विरोध प्रदर्शन का संचालन मंच के संयोजक हिमांशु अग्रवाल जी ने किया. प्रदर्शन में गणमान्यजन, बुद्धिजीवी, व नागरिक उपस्थित थे. राष्ट्रीय कवि संगम के प्रान्त संयोजक श्रीकांत शर्मा जी ने अपनी कविता के माध्यम से केरल में दिवंगत राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं को श्रद्धान्जली प्रदान की.
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