केरल में हिंसा को रोकने के लिये राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
ब्रज (विसंकें). केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विचार परिवार संगठनों के कार्यकर्ता लगातार वामपंथी हिंसा का शिकार हो रहे हैं. पिछले कुछ समय से हिंसक घटनाओं में चिंतित करने वाली वृद्धि से आहत ताजनगरी के स्वयंसेवकों, बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रविवार को शहर के मध्य संजय प्लेस में विशाल धरना देकर केरल की सरकार को उसके संवैधानिक दायित्वों का बोध कराया. हिन्दू हित रक्षण समिति के तत्वाधान में आयोजित प्रदर्शन में बुद्धिजीवियों ने केरल में मार्क्सवादी हिंसा को मुख्यमंत्री पी. विजयन के संरक्षण देने और राज्य सरकार द्वारा हिंसा को रोकने के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाए जाने पर चिंता व्यक्त की.
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रज प्रांत प्रचार प्रमुख प्रदीप कुमार जी ने कहा कि केरल में जारी हिंसा में स्पष्ट तौर पर माकपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं की संलिप्तता उजागर हुई है. लेकिन राज्य सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाया है, बल्कि घटनाओं की लीपापोती करने का प्रयास जरूर किया है. अगर इतिहास को देखें तो ज्ञात होता है कि जहां भी कम्युनिस्ट शासन रहा है, वहां विरोधी विचार को खत्म करने के लिए मार्क्सवादी कार्यकर्ताओं ने सड़कों को खून से रंग दिया है. वामपंथी विचार के मूल में तानाशाही और हिंसा है. उन्होंने कहा कि केरल में वामपंथी विचारधारा से शिक्षित लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे संबंध रखने वाले लोगों की जिस क्रूरता से हत्या कर रहे हैं, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. हमें संविधान के दायरे में रहकर केरल में जारी हिंसा और पशुता को रोकने का सामूहिक प्रयास आज से ही प्रारंभ कर देना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रज प्रांत संपर्क प्रमुख अशोक कुलश्रेष्ठ जी ने हिंसा के तत्थ्यों को रखते हुए कहा कि इस जंगलराज में महिला और मासूम बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं. चिंता की बात यह भी है कि इन घटनाओं पर तथाकथित बुद्धिजीवी जगत में अजीब-सी खामोशी पसरी हुई है.
राष्ट्रीय सेवा भारती के क्षेत्रीय समन्वयक सतीश अग्रवाल जी ने कहा कि कार्यकर्ताओं के घरों पर हिंसक हमला करके दंगाईयों ने मारकाट की व घरों में आग लगा दी. यह संभवतया पहला अवसर है, जब राजनैतिक विद्वेष से प्रेरित दंगाईयों ने महिलाओं पर जानलेवा हमला करते हुए उन्हें मारने का दुष्कृत्य किया है. सभा का संचालन विभाग कार्यवाह केशवदेव शर्मा जी, रमन अग्रवाल जी ने किया. विरोध प्रदर्शन में गणमान्यजनों, नागरिकों, बुद्धिजीवियों ने भाग लिया.
राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
धरना स्थल पर एडीएम सिटी धर्मेंद्र सिंह को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में केरल में हो रहे नरसंहार और हिंसक घटनाओं को रोकने के लिये केरल सरकार को कदम उठाने का आग्रह किया तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनैतिक मतभिन्नता के कारण हिंसक मारपीट में युवा नागरिकों के मारे जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
हिंसा में पीड़ितों की करेंगे सहायता
विरोध प्रदर्शन के दौरान निर्णय लिया गया कि योगक्षेम ट्रस्ट द्वारा केरल हिंसा के पीड़ित कार्यकर्ताओं की सहायता के लिए धनराशि जुटाकर उनकी आर्थिक सहायता की जाएगी. धरना स्थल पर हिन्दू हित रक्षण समिति द्वारा केरल हिंसा पर एक चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया.
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