Wednesday, November 19, 2014

रानी गाइदिन्लयू का जन्मशती समारोह

राउरकेला:
वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से महान राष्ट्रवादी रानी गाइदिन्लयू का जन्मशती समारोह सोल्लास मनाया गया। अग्रसेन भवन में आयोजित समारोह में पूर्वाेत्तर राज्यों से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहा।
सोमवार की शाम आयोजित जन्मशती समारोह के विशिष्ट अतिथि मणिपुर से आए प्रो. कामइ रोकोस ने कहा कि महान संस्कृति के बल पर ही विश्व भर में भारत की अलग पहचान है। संस्कृति बचेगी तभी राष्ट्र बचेगा। लेकिन विदेशी शक्तियों द्वारा हमारी संस्कृति को नष्ट कर हमारा परिचय नष्ट करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है, जिससे हमें सतर्क रहने की जरूरत है। पद्मभूषण रानी गाइदिन्लयू बचपन से ही भारत की स्वाधीनता आंदोलन में शामिल हुई थी, इस आंदोलन के कारण उन्हें कई वर्षो तक जेल में रहना पड़ा। स्वाधीनता मिलने के बाद उन्होंने जनजातीय धर्म, संस्कृति तथा परंपरा की सुरक्षा के लिए सदैव संग्राम किया तथा देश की एकता को तो़ड़ने वाले अलगाववादी ताकतों का मंसूबा पूरा होने नहीं दिया। उत्तर पूर्वाचल में जन्म लेने वाली इस महान महिला को श्रद्धांजलि देने का अर्थ देश की राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। जिसका उद्घाटन नगर विधायक दिलीप राय ने दीप प्रज्वलित कर किया। अन्य लोगों में पाणु मांझी, ओमप्रकाश अग्रवाल, डा. केके जैन आदि उपस्थित थे। इससे पूर्व विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन तथा विभिन्न जनजातीय प्रमुख की ओर से रानी गाइदिन्लयू के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। संयोजक रविन्द्र सेठी ने समारोह का संचालन किया।
Golakha Chandra Das
vsk,odisha

No comments: