Thursday, May 30, 2013

म्यांमार में दो ही बच्चे पैदा कर सकते हैं मुसलमान

म्यांमार में दो ही बच्चे पैदा कर सकते हैं मुसलमान

Updated on: Thu, 30 May 2013 04:48 PM (IST)
only two child norm for muslims in myanmar
म्यांमार में दो ही बच्चे पैदा कर सकते हैं मुसलमान
यंगून। म्यांमार के राखाइन प्रदेश में एक नया सरकारी आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के तहत यहां रहने वाले रोहिंग्या मुसलमान सिर्फ दो ही बच्चे पैदा कर सकते हैं।
गौरतलब है कि यह आदेश सिर्फ मुस्लिमों के लिए ही है, इन इलाकों में रहने वाले बौद्ध परिवारों के लिए नहीं। धर्म के आधार पर जनसंख्या वृद्धि रोकने वाला यह दुनिया का पहला सरकारी आदेश माना जा रहा है। इस आदेश के बाद यहां की सरकार पर मुस्लिमों से भेदभाव करने का आरोप लग रहा है।
शनिवार को जारी इस आदेश के दायरे में फिलहाल राखाइन प्रांत के दो कस्बे आते हैं। बुथीडांग और मौनदा नाम के ये कस्बे बांग्लादेश से लगी सीमा पर स्थित हैं। राज्य में मुस्लिमों की सबसे ज्यादा आबादी इन्हीं दो जगहों पर है। अगर पूरे देश की बात की जाए, तो म्यांमार की छह करोड़ की आबादी में मुस्लिम चार फीसद हैं।
इस आदेश के बारे में सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इसका मकसद मुस्लिमों की तेजी से बढ़ती संख्या पर काबू पाना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जब हालिया नस्लीय हिंसा की जांच की, तो पाया कि मुस्लिमों की आबादी में तेजी से बढ़ोतरी टकराव का एक बड़ा कारण है। विन ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि राखाइन में रहने वाले बौद्धों के मुकाबले मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ोतरी की दर 10 गुना ज्यादा है।
गौरतलब है कि राखाइन प्रांत में एक साल पहले नस्लीय हिंसा शुरू हुई थी। टकराव राखाइन के बौद्धों और रोहिंग्या मुस्लिमों के बीच हुआ था। इस दौरान हथियारों से लैस बौद्धों ने मुस्लिमों के हजारों घर जला दिए थे। इस हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए थे और लगभग सवा लाख मुस्लिमों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था।

1 comment:

Ajit Sharma said...

Bharat also should learn from this. Problem is more severe here.