Friday, May 16, 2014

राष्ट्र जीवन को दिशा देते हैं आदि पत्रकार नारद: राम माधव

राष्ट्र जीवन को दिशा देते हैं आदि पत्रकार नारद: राम माधव


राष्ट्र जीवन को दिशा देते हैं आदि पत्रकार नारद: राम माधव

देहरादून. नारद जी आदि पत्रकार के तौर पर याद किए जाते है. उनका पूरा जीवन सूचना संचार के लिये समर्पित रहा. उन्हें कभी-कभी विदूषक के तौर पर पेश किया जाता है, लेकिन उनके जीवन को देखें तो वह पत्रकारिता के प्रति समर्पण के साथ राष्ट्र जीवन को दिशा देने वाले राष्ट्र ऋषि का प्रतिनिधित्व करते है. नारद जी का चरित्र पत्रकारों के लिए प्रेरणास्रोत है. साथ ही, वह कठिन परिस्थितियों में रहकर अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित रहने और स्वहित को लोकहित के आड़े न आने देने का संदेश भी देते हैं.
ये कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सहसंपर्क प्रमुख राममाधव जी का. राम माधव जी  यहां 14 मई को विश्व संवाद केन्द्र द्वारा नारद जयंती के अवसर पर आयोजित पत्रकार सम्मान समारोह को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि देवर्षि नारद दुनिया के प्रथम पत्रकार या पहले संवाददाता हैं, क्योंकि देवर्षि नारद ने इस लोक से उस लोक में परिक्रमा करते हुए संवादों के आदान-प्रदान द्वारा पत्रकारिता प्रारंभ की. इस प्रकार देवर्षि नारद पत्रकारिता के प्रथम पुरुष,पुरोधा पुरुष,पितृ पुरुष हैं.
नारद जी इधर से उधर घूमते हैं तो संवाद का सेतु ही बनाते हैं. जब सेतु बनाया जाता है तो दो बिंदुओं या दो सिरों को मिलाने का कार्य किया जाता है. दरअसल, देवर्षि नारद भी इधर और उधर के दो बिंदुओं के बीच संवाद का सेतु स्थापित करने के लिये संवाददाता का कार्य करते हैं.
इस प्रकार, नारद संवाद का सेतु जोड़ने का कार्य करते हैं, तोड़ने का नहीं. सच तो यह है कि नारद घूमते हुए सीधे संवाद कर रहे हैं और सीधे संवाद भेज रहे हैं. इसलिये नारद सतत सजग-सक्रिय हैं यानी नारद का संवाद टेबल-रिपोर्टिंग नहीं, स्पॉट-रिपोर्टिंग् है. इसलिये उसमें जीवंतता है. वहीं राजनीतिक विषयों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर पिछले कई वर्षों से राजनीतिक दल राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप लगाते रहे, जबकि संघ एक समाजिक संगठन है. यह बात चुनाव आयोग ने भी स्वीकार की. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मीडिया की अहम भूमिका रही.
कार्यक्रम के अध्यक्ष उत्तराखंड संस्कृत विश्व विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर महावीर अग्रवाल ने कहा कि रामावतार से लेकर कृष्णावतार तक नारद की पत्रकारिता लोकमंगल की ही पत्रकारिता और लोकहित का ही संवाद-संकलन है. उनके इधर-उधर् संवाद करने से जब राम का रावण से या कृष्ण का कंस से दंगल होता है, तभी तो लोक का मंगल होता है. अतः देवर्षि नारद दिव्य पत्रकार के रूप में लोकमंडल के संवाददाता हैं.
कार्यक्रम में प्रदेश के यशस्वी पत्रकारों को सम्मानित किया गया, जिनमें उत्तर उजाला के भगीरथ शर्मा, गढ़वाल पोस्ट के सतीश शर्मा, स्वतंत्र पत्रकार राजेन्द्र जोशी, वरिष्ठ पत्रकार अविकल थपलियाल, पंजाब केसरी के वीरेन्द्र भारद्वाज और सहारा समय चैनल की वरिष्ठ पत्रकार सुश्री ज्योत्सना जी के नाम शामिल हैं.

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