Thursday, October 02, 2014

दिल्ली में लव जिहाद का शिकार बनी चार युवतियां

दिल्ली में लव जिहाद का शिकार बनी चार युवतियां

नई दिल्ली. झारखंड के रांची से सुलगे लव जिहाद की आंच दिल्ली तक पहुंच गई है. पिछले एक महीने में राजधानी के विभिन्न इलाकों में लव जिहाद के चार मामले सामने आने से दिल्ली महिला आयोग व दिल्ली पुलिस सकते में है. दोनो ही विभागों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर ऐसे मामलों पर कैसे रोक लगाई जाये. इसके लिये दिल्ली महिला आयोग ने लव जिहाद पीड़ित युवतियों को मुआवजा दिलाने के लिये उपराज्यपाल नजीब जंग व मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह के अनुसार पिछले एक महीने में इस तरह के चार मामले सामने नजर आये हैं जहां समुदाय विशेष के युवकों ने हिन्दू युवतियों से या तो शादी करके या फिर शादी का झांसा देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाया और फिर उनसे रिश्ता खत्म कर लिया. कुछ मामलों में तो धर्म परिवर्तन करवाने के बाद युवकों ने शादी भी नहीं की. पहला मामला नांगलोई का है. यहां एक युवक ने हिन्दू युवती को प्रेम जाल में फंसाकर उसका धर्म परिवर्तन करवा दिया. दोनों के बीच अवैध संबंध भी बन गये. युवती जब उस पर शादी के लिये दबाव डालने लगी तब वह तरह-तरह की बहाने-बाजी करने लगा. आखिरकार युवक ने युवती से यह कह कर शादी से इंकार कर दिया कि उसकी मां इसके लिये तैयार नहीं है. कुछ दिनों बाद युवती को यह पता चला कि उसका प्रेमी शादी-शुदा है. इस घटना के बाद युवती पूरी तरह टूट चुकी है, अब वह करे तो क्या करे? परिवार और समाज को भी इस बात का पता लग गया है. विकट स्थिति पैदा होने पर युवती ने आखिरकार दिल्ली महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया. दूसरा मामला मदनपुर खादर का है. यहां रहने वाले समुदाय विशेष के एक युवक ने युवती को प्रेम जाल में फंसाकर शादी कर ली. शादी के बाद युवती का धर्म परिवर्तन करवा दिया गया. उसके हाथों से मेहंदी छूटी भी नहीं थी कि किसी बात को लेकर मनमुटाव होने पर युवक ने युवती को छोड़कर अपने समुदाय की युवती से शादी कर ली. इसी तरह के दो मामले बाहरी दिल्ली के ग्रामीण इलाके में भी सामने आये हैं. बरखा सिंह ने कहा कि युवतियों के साथ इस तरह के मामले सामने आने से युवतियों और उनके परिवार के सामने बहुत विकट स्थिति पैदा हो जाती है. पिछले छह महीने में इस तरह के एक या दो मामले सामने आये थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ने लगी है. फिलहाल इस योजना के तहत महिलाओं को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. आयोग ने ऐसी महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये मुआवजा दिलाने के लिये उप राज्यपाल व मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सिफारिश की है.

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