बिजनौर. एटीएस व एसटीएफ की टीम ने बिजनौर के झालू से शुक्रवार देर रात एक फुरकान नामक युवक को हिरासत में लिया. उस पर विस्फोट के बाद आतंकियों को किराये पर कमरा दिलाने का आरोप है. आरोपी कस्बे में फलों का ठेला लगाता है. उससे पूछताछ की जा रही है. वहीं, पुलिस कस्टडी रिमांड में हुस्ना, रईस व अब्दुल्ला से पूछताछ में आतंकियों को मदद पहुंचाने वाले अन्य लोगों के नामों का भी पता चला है. उनके पास से हथियार व लाखों की नगदी भी मिलने की संभावना जताई जा रही है. सीओ सिटी राजेश कुमार ने बताया कि मददगारों की पूछताछ के बाद कई खुलासे हो सकते हैं.
सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दे रहे आतंकी
बिजनौर के मोहल्ला जाटान में 12 सितंबर को बम बनाते हुये विस्फोट होने के बाद से सिमी के छह आतंकी महबूब, एजाजुद्दीन, अकरम, अमजद, सालिक व जाकिर फरार हो गये थे. विस्फोट में महबूब झुलस गया था. इस घटना के दो दिन बाद पुलिस ने आतंकियों के मददगार रईस, अब्दुल्ला व हुस्ना को गिरफ्तार किया था, जिनसे तीन आतंकियों के उमरी गांव के जंगल में छिपने का पता चला था. इसके बाद आसपास के जंगलों में काम्बिंग की गई.
आतंकियों को पकड़ने के लिये ड्रोन (यूीएवी) की भी मदद ली गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. यह सभी आतंकी एक अक्टूबर 2013 को मध्य प्रदेश की खंडवा जेल से भागे थे. बिजनौर के एसपी सत्येंद्र कुमार सिंह का कहना है कि आतंकियों की तलाश के लिये सर्च अभियान जारी है. उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से ठीक एक दिन पहले यानी 12 सितंबर को बिजनौर को दहलाने का इरादा रखने वाले सिमी के छह आतंकी सुरक्षा एजेंसियों को लगातार चकमा दे रहे हैं. इन्हें पकड़ने के लिये एनआईए, एटीएस, एसटीएफ, आइबी और पुलिस की टीम संयुक्त रूप से अभियान चला रही है. लेकिन 16 दिन बाद भी सुराग नहीं लग सका है. सूत्रों की मानें तो आतंकी अपने नये ठिकाने पर पहुंच चुके हैं.
No comments:
Post a Comment