Thursday, June 18, 2009

राष्ट्रीयता का दूसरा नाम हिन्दुत्व
Bhaskar News Sunday, June 14, 2009 02:28 [IST]



उदयपुर. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अभा सह-सेवक प्रमुख सुहास ह्रिरेमठ ने कहा कि देश में राष्ट्रीयता के नाम पर दो मौकों पर जागृति आती है, ये हैं स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस। शेष दिनों में हम राष्ट्रीयता को भूल जाते है। हिन्दुत्व राष्ट्रीयता का दूसरा नाम है, लेकिन हमने इसे पूजा पद्धति और धर्म से जोड़ दिया है।

सुहास शनिवार को विद्या निकेतन स्कूल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के द्वितीय वर्ष शिक्षा वर्ग शिविर के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिविर का मूल उद्देश्य स्वयं सेवकों को संस्कारित करने के साथ-साथ उनमें राष्ट्रीयता की भावना जागृत करना है। हमारे देश का गौरव पूरे विश्व में है। जिस देश का समाज जागृत है, वह देश महान है। बच्चों को संस्कारित करना प्रत्येक अभिभावक, शिक्षक का कर्तव्य है, लेकिन आज की शिक्षा चरित्र को दरकिनार कर केवल उच्च शिक्षा तक सीमित होकर रह गई है।

शिक्षा और चरित्र का संपर्क नहीं रहा। जितना पढ़ा-लिखा व्यक्ति होगा उतना ही वह भ्रष्टाचार में लिप्त होता जा रहा है। सुहास ने कहा कि चरित्र, देशभक्ति और हिदुत्व का भाव प्रत्येक भारतीयों को रखना होगा तभी हम विश्वगुरु को पुन: उसी मुकाम तक ले जाने में कामयाब होंगे। इस मौके पर पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी रामसिंह गरासिया ने कहा कि हिंदू जगेगा तो राष्ट्र जगेगा और हिन्दू सोएगा तो राष्ट्र बंटेगा। यह शिविर एक ऐसा माध्यम है जहां व्यक्ति स्वयं चिंतन कर राष्ट्र के प्रति अपनी भावना को जागृत कर सकता है।

स्वयंसेवकों के हैरतअंगेज करतब : समापन अवसर पर स्वयं सेवकों के शारीरिक व्यायाम प्रदर्शन, हैरतअंगेज कारनामे आकर्षण का केंद्र बने। स्वयं सेवकों ने विविध नियुद्ध कलाओं का प्रदर्शन किया। संघ के घोष का प्रदर्शन राहुल के नेतृत्व में हुआ। स्वयं सेवकों ने सामूहिक सूर्य नमस्कार, दंड व योग प्रदर्शन किया। बाद में चरेवैति-चरेवैति यही है मंत्र अपना, कही न रुकना, सतत चलना.. गीत का गान हुआ।

205 प्रशिक्षणार्थियों की भागीदारी : 20 दिन के शिविर में 205 स्वयं सेवकों ने भाग लिया जिसमें 203 राज्य के विभिन्न जिलों के थे। शेष 2 शिविरार्थी कोंकण से थे। उन्हें 68 शिक्षक प्रबंधक ने शिक्षित किया। शिविर का नेतृत्व लक्ष्मीनारायण चातक ने किया। शिविर में सुबह शाखा, दोपहर में बौद्धिक चर्चा, शाम को परेड अभ्यास और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रशिक्षणार्थियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया।

इनकी भी रही मौजूदगी : कार्यक्रम में विधायक गुलाबचंद कटारिया, पूर्व शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी, सभापति रवींद्र श्रीमाली, उप-सभापति वीरेंद्र बापना, उदयपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स डिविजन के अध्यक्ष पारस सिंघवी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत आदि मौजूद थे।

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