अम्बिकापुर/बलरामपुर (विसंकें). आदिवासी अंचल बलरामपुर में शिक्षा गुणवत्ता सुधार के प्रयास में लगे बलरामपुर के कलैक्टर अवनीश शरण ने अपनी पांच वर्षीय पुत्री वेदिका शरण को एक वर्ष आंगनबाड़ी केन्द्र में पढ़ाने के बाद अब उसे बलरामपुर की शासकीय प्राथमिक शाला में पहली कक्षा में प्रवेश दिला उदाहरण प्रस्तुत किया है.
दो वर्षों से पदस्थ बलरामपुर कलैक्टर अवनीश शरण बलरामपुर जिले में शिक्षा गुणवत्ता सुधार के साथ जिले के ग्रामीण इलाकों के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने शालाओं में गुणवत्ता बरकरार रखने को निगरानी टीम गठित कर सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी है. एक वर्ष पूर्व उन्होंने अपनी चार वर्षीय पुत्री बलरामपुर के आंगनबाड़ी केन्द्र में अन्य ग्रामीण बच्चों के साथ दाखिला दिलाकर समूचे प्रदेश के लिए मिसाल कायम की थी. इस वर्ष आंगनबाड़ी की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने पुत्री को पहली कक्षा में किसी कान्वेंट स्कूल में न भेजकर बलरामपुर जिला मुख्यालय की ही शासकीय प्राथमिक शाला में पहली कक्षा में दाखिला दिलाने आम अभिभावकों के समान पहुंचे. बच्ची के साथ कलेक्टर के पहुंचने पर बीईओ देवेन्द्र नाथ मिश्रा के साथ शाला के प्रधान पाठक सहित स्टाफ ने रजिस्टर में उनकी पुत्री का नाम दर्ज किया.
उड़ान नामक नि:शुल्क कोचिंग संस्थान भी चला रहे
बलरामपुर कलैक्टर अवनीश शरण सिंह शिक्षा गुणवत्ता के साथ-साथ बलरामपुर जिले के ग्रामीण छात्रों को बेहतर और प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा हेतु पहल और उड़ान नामक नि:शुल्क कोचिंग संस्थान भी जिले में संचालित कर रहे हैं. इसके माध्यम से जिले के प्रतिभाशाली छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बेहतर शिक्षकों की टीम द्वारा प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया जा रहा है. पहले साल में ही इसके परिणाम अच्छे आने शुरू हो गये हैं. बलरामपुर कलैक्टर की पहल से ग्रामीणों में उत्साह का वातावरण है.
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