Thursday, March 15, 2012

प्राकृतिक स्रोतों पर जनता का अधिकार बना रहे : संघ लाएगा प्रस्ताव



सहसरकार्यवाह श्री दत्तात्रय होसबळे




प्राकृतिक स्रोतों पर जनता कानागपुर : १६ मार्च २०१२ :देश के प्राकृतिक स्रोतों पर सर्वप्रथम जनता का अधिकार है और इन स्रोतों का दूसरे कारणों के लिए प्रयोग करने के पूर्व यह अधिकार कायम रहेगा इसका ध्यान रखा जाना चाहिए, इस दृष्टि से अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा प्रस्ताव लाएगी, ऐसी जानकारी रा. स्व. संघ के सहसरकार्यवाह श्री दत्तात्रय होसबळे ने, प्रतिनिधि सभा में चर्चा में आने वाले संभाव्य प्रस्तावों के बारे में जानकारी देते हुए दी।
पत्रपरिषद में उन्होंने नैसर्गिक स्रोतों में से पानी का उदाहरण देते हुए कहा कि, देश की जनता को पीने के लिए स्वच्छ और शुद्ध पानी मिलना चाहिए। यह जनता का अधिकार है। आज अधिकांश नैसर्गिक पानी अशुद्ध और प्रदूषित हुआ है। उसे शुद्ध और प्रदूषणमुक्त बनाना यह तो प्राथमिक आवश्यकता है ही; लेकिन यह पानी विकास के लिए औद्यौगिक या अन्य व्यावसायिक कामों के लिए देने के पूर्व, इस पानी पर जनता का अधिकार है, यह बात मान्य होनी चाहिए और उसके अनुसार निर्णय होने चाहिए। पानी संकट काफी गहरा है। उसमें पर्यावरण का प्रश्न भी है। सब को शुद्ध जल पीने के लिए मिलना चाहिए तथा कृषि एवं कारखानेके लिए भी जल की उपलब्धता जरूरी है। ऐसे मे प्राकृतिक संसाधनों पर जनता का अधिकार बना रहना चाहिए। इस विषय पर अ.भा. कार्यकारी मंडल की बैठक में चर्चा हुई, ऐसी जानकारी देते हुए उन्होंनेब ताया कि, उसी के अनुसार एक प्रस्ताव प्रतिनिधि सभा में आने की संभावना है।
विविध समस्याओं के संदर्भ में जनता की कुछ मांगे हो सकती है। वह मांगे अयोग्य है, ऐसा कोई नहीं कहेगा। लेकिन, उन्हें मान्य करते समय उसमें क्षुद्रराजनीति नहीं होनी चाहिए। ‘एक राष्ट्र, एक जन’ इस भावना से उन मांगों काविचार होना चाहिए, ऐसा संघ का मत है। इन मांगों के बहाने समाज को तोडने का प्रयास होता होगा तो इसे चलने नहीं दिया जाना चाहिए। इस दृष्टि से प्रतिनिधि सभा, राष्ट्रीय एकात्मता मजबूत रखने का आवाहन करनेवाला एक प्रस्ताव भी पारित करेगी, ऐसी जानकारी उन्होंने दी।
स्वामी विवेकानंद का १५० वा जयंती वर्ष २०१३-२०१४ में बड़े पैमाने मे और गंभीरता से मनाने की संघ की योजना है। इस दृष्टि से इस वर्ष में आगामी वर्ष के कार्यक्रमों की रूपरेखा निश्‍चित की जाएगी। इस संदर्भ में प्रतिनिधि सभा में विस्तृत चर्चा होगी, उस संबंध में प्रस्ताव भी पारित होगा, ऐसा उन्होंने कहा। इस हेतु अ. भा. स्तर पर स्वामी विवेकानंद सार्ध शताब्दी समारोह समिति गठित होनेवाली है। उसके अंतर्गत विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी कैसे प्रासंगिक है, इसकी जानकारी जनता को दी जाएगी। उसी प्रकार भारत का नवनिर्माण, महिला सक्षमीकरण, प्रबुद्ध नागरिकों के विचार एवं चिंतन भारतकेंद्रित करना इत्यादी के बारे में स्वामी विवेकानंद के विचारों के अनुरूप कार्यक्रमों की योजना की जाएगी। देश के गरीब, दलित, उपेक्षित लोगों के उद्धार के बिना भारत का नवनिर्माण होना संभव नहीं, यह विवेकानंद के विचार लोगों में, प्रमुखता से युवकों में प्रसारित करने पर अधिक जोर दिया जाएगा, ऐसा उन्होंने बताया। इस सार्ध शती महोत्सव में समाज के विविध लोग भी कार्यक्रम ले सकते है। उनको साहित्य, कार्यकर्ता एवं किसी अन्य मदद की आवश्यकता पडी तो समिति उनको मदद करेगी।
संघकार्य के विस्तार संबंधी चर्चा करते हुए आपने कहा की अरुणाचल में जो कार्यक्रम हुआ उसमें 500 स्वयंसेवक गणवेष में थे। और सरसंघचालकजी वहॉं पर उपस्थित थे। दक्षिण तमिलनाडु के कन्याकुमारी में 17 हजार स्वयंसेवक थे और करीबन 50 हजार लोगों ने इस कार्यक्रम का आनंद लिया। संघ कार्य का विस्तार हो रहा है। इस विस्तार और गुणवत्ता के बारे में प्रतिनिधि सभा में चर्चा होती है।
पत्रपरिषद में संघ के अ. भा. प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य उपस्थित थे। अधिकार बना रहे : संघ लाएगा प्रस्ताव

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