Thursday, April 14, 2016

मानस्तंभ भी विशेष

मानस्तंभ भी विशेष
मंदिर परिसर के प्रवेश द्वार पर मानस्तंभ बनाया गया है। सफेद संगमरमर से बने इस मानस्तंभ पर 12 तीर्थांकर की मूर्तियों को स्थापित करने की व्यवस्था है। इसके साथ ही मानस्तंभ के चारों ओर नमस्कार मुद्रा में बनी हाथी की एक जैसी प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र हैं।
गौरतलब है कि जैन समुदाय की मान्यता के अनुसार मंदिर परिसर में मानस्तंभ बनाने का विशेष महत्व है। लोगों का मानना है कि यह स्तंभ मनुष्य के घमंड यानी मान को कम करने के लिए है। इसका मतलब है कि मनुष्य से भी बड़ा कोई है, जिसे हम भगवान कहते हैं।
महावीर पाटनी ने बताया कि मंदिर की जीर्णोद्धार प्रक्रि या मूलनायक भगवान की स्थापना के बाद भी जारी रहेगी। इसके तहत मुख्य मंदिर के बाहरी परिसर में 24 तीर्थाकंरों की स्थापना, मानस्तंभ में 12 तीर्थांकरों की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही मंदिर को भव्य स्वरूप दिया जाएगा।
यह प्रक्रिया नवंबर माह तक पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद मंदिर में स्थापित तीर्थांकरों की पूर्ण प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। महावीर ने बताया कि निर्माण के बाद यह पूरे मध्यभारत में अपनी तरह का अनोखा मंदिर होगा।

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