Monday, September 18, 2017
आपातकाल के दौरान लोकतंत्र सेनानियों का अभिनन्दन किया
मेरठ (विसंकें). सन् 1975 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा घोषित आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष में जेल जाने वाले एवं अनेक प्रकार की यातनाओं को सहने वाले कार्यकर्ताओं का ‘‘कार्यकर्ता मिलन’’ कार्यक्रम शंकर आश्रम शिवाजी मार्ग स्थित संघ कार्यालय में आयोजित किया गया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र संघचालक डॉ. दर्शन लाल अरोड़ा जी ने आपातकाल के अनुभवों को बताते हुए कहा कि 25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा के साथ ही इंदिरा गांधी द्वारा राजनैतिक, वैचारिक विरोधियों तथा संगठनों के खिलाफ दमनचक्र चला दिया गया. देश में प्रजातांत्रिक मूल्यों व प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया. आपालकालीन व्यवस्थाओं के विरुद्ध एक विशाल आंदोलन प्रारम्भ हुआ. जिसमें संघ ने प्रमुखता से भूमिका निभाई. संघ के प्रमुख अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया. अंत में संघ ने पूरे देश में सत्याग्रह करके गिरफ्तारी देने का निर्णय लिया. पूरे राष्ट्र में विशेष कर उत्तर भारत में लगभग 70,000 स्वयंसेवकों ने गिरफ्तारियां दी. लगभग सभी गिरफ्तारियां मीसा कानून के अन्तर्गत की गईं.
इस अवसर पर आपातकाल में जेल गए एवं अनेक प्रकार की यातनाओं को सहने वाले अनेक कार्यकर्ताओं द्वारा सुनाए अनुभव रोंगटे खड़े करने वाले थे. साथ ही उस समय की विषम एवं कठिन परिस्थितियों में जिस प्रकार उन सभी ने आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष किया, वह प्रेरणादायी था. रविन्द्र न्यादर जी, हरिश्चन्द्र जन्मजेय चौहान जी, राजेन्द्र अग्रवाल जी, प्रदीप कंसल जी, वासुदेव शर्मा जी, अरुण वशिष्ठ जी, राजेश जी, राकेश जैन जी, रणजीत सिंह जी, सुधाकर जी, पदमाकर जी, अमरजीत जी, राकेश महाजन जी, सर्वेश नन्दन जी, रामभरोसे जी, महावीर रस्तौगी जी आदि लगभग 50आपातकालीन संघर्ष के नायकों ने अपने अनुभव साझा किये.
कार्यक्रम के मुख्यवक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक बेरी जी ने इस संघर्ष काल में संघ की भूमिका व योगदान का वर्णन करते हुए कहा कि आपातकाल के अत्याचारों के कारण पूरे देश में आतंक एवं निराशा फैल गयी थी. संघ ने सबसे पहले आपातकाल के सन्नाटे को तोड़ने का निश्चय किया. संघ ने अपनी रचना नगर, जिला, प्रान्त के अनुसार जनजागरण की योजना बनाई. समाज को आपातकाल तथा सरकार के अत्याचारों की जानकारी देने के लिये अनेक प्रकार के पत्र एवं पत्रिकाओं को गुप्त रूप से जन-जन तक पहुंचाया. संघ ने कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों का मनोबल बना रहे, इसकी भी व्यवस्था की. आपातकाल तथा संघ पर प्रतिबंध के विरुद्ध संघर्ष में संघ यशस्वी बनकर उभरा और अंत में सरकार को आपातकाल हटाना पड़ा. कार्यक्रम में उपस्थित लोकतंत्र सेनानियों का अभिनन्दन भी किया गया. इस अवसर पर मुख्य वक्ता अशोक बेरी जी द्वारा 25 फरवरी, 2018 को होने वाले विशाल राष्ट्रोदय कार्यक्रम की वेबसाइट का शुभारम्भ किया गया.
No comments:
Post a Comment