Monday, September 18, 2017

हम अपने कार्य पर ध्यान देंगे तो हमारा उत्साह बढ़ता जाएगा – डॉ. मोहन भागवत जी

Monday, September 18, 2017

हम अपने कार्य पर ध्यान देंगे तो हमारा उत्साह बढ़ता जाएगा – डॉ. मोहन भागवत जी

जयपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि हम अपने कार्य पर ध्यान देंगे तो हमारा उत्साह बढ़ता जाएगा. स्वयंसेवकों का आह्वान करते हुए कहा कि कार्य, कार्यकर्ता, कार्य यन्त्र को सम्भालने के लिए कार्यकर्त्ता प्रयास करें. कार्यकर्त्ता योजक, मित्र, प्रवासी, ध्येयनिष्ठा के गुणों की अपने अंदर निरंतर वृद्धि करता रहे. सरसंघचालक जी रविवार को केशव विद्यापीठ जामडोली में चल रहे खण्ड कार्यवाह अभ्यास वर्ग में स्वयंसेवकों को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने चर्चा के दौरान स्वयंसेवकों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये.
गौमाता पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए सरसंघचालक जी ने कहा कि गौ माता का संवर्धन हो, क्योंकि गाय हमारे लिए आर्थिक रुप से भी लाभकारी है. जो गाय के प्रति आस्था रखते हैं, वह गाय का पालन करते हैं. उनकी बहुत गहरी आस्था को चोट लगने के बावजूद भी हिंसा का मार्ग नहीं अपनाते हैं.
चीनी सामान का बहिष्कार व स्वदेशी के संबंध में प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि अपने आसपास जो भी गृह उद्योग, कुटीर उद्योग, लघु उद्योग से वस्तुएं बनती हैं, उनको उपयोग में लाना यह स्वदेशी का मूल मंत्र है. स्वदेशी से देश के बेरोजगारों को रोजगार मिलता है. स्वदेशी केवल वस्तुओं तक नहीं, अपितु मन में स्वदेश के गौरव का भाव प्रकट होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वाभिमान को आर्थिक दृष्टि से भी स्वावलंबी होना आवश्यक है. राष्ट्र को आर्थिक दृष्टि से स्वावलम्बी करने का अर्थ स्वदेशी वस्तुओं तक सीमित नहीं है. स्वदेशी का भाव अपने जीवन से भारतीयता के आचरण से प्रकट हो.

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