Sunday, November 17, 2013

धर्मांधोंको ‘विवाह भाग्य योजना’ की आवश्यकता नहीं - कर्नाटक मुस्लिम परिषद

धर्मांधोंको ‘विवाह भाग्य योजना’ की आवश्यकता नहीं - कर्नाटक मुस्लिम परिषद

November 17, 2013    

कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११५

कर्नाटक कांग्रेस प्रशासनको धर्मांधोंद्वारा तमाचा !

मंगलुरू - धर्मांध महिलाओंको कर्नाटक प्रशासनद्वारा कार्यान्वित करनेवाली ‘शादी भाग्य योजना’की  आवश्यकता नहीं, कर्नाटक मुस्लिम परिषदके अध्यक्ष हाजी अहमद कंडकने यहां ऐसा प्रतिपादन किया ।
उन्होंने कहा भारतको स्वतंत्र हुए ६७ वर्ष हो गए । इस कालावधिमें प्रशासनसे किसी भी प्रकारकी सहायता लिए बिना भी अनेक मुस्लिम युवतियोंके विवाह संपन्न हुए हैं । तथा धर्मांधोंकी आर्थिक सहायता करनेवाली अनेक धर्मांध संस्थाएं हैं ।(अब धर्मांध सच्चरद्वारा की गई संस्तुति (रिकॉमेंडेशन) तथा उनके हेतु बनाई गई अन्य योजनाएं भी अस्वीकार कर देशका धन बचाएं ! - संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
हिंदू युवक धर्मांध युवतियोंसे विवाह कर इस योजनाका लाभ उठाएं , हिंदू महासभाके स्वामी प्रणवानंदने ऐसा आवाहन किया । उसपर कंडकने कहा कि धर्मांध महिला जालमें फंसनेवाली नहीं है, यह बात स्वामी प्रणवानंद ध्यानमें रखें ।

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