रोहतक. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश (भय्या जी) जोशी ने जनभागीदारी बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए गांवों के विकास को अनिवार्य बताया. उनका कहना है कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है.
रविवार, 9 नवंबर को जिले के भाली आनंदपुर गांव में ग्रामवासियों के सहयोग से नवनिर्मित केशव भवन के लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित ग्रामसभा को संबोधित करते हुए सरकार्यवाह ने कहा कि शासन विकास में सहयोगी हो सकता है, लेकिन उसकी भूमिका मुख्य नहीं हो सकती. उन्होंने जैविक खेती की ओर रुख करने पर भी जोर दिया. ग्रामीणों की ओर से पगड़ी पहनाकर और स्मृति चिह्न प्रदान कर श्री जोशी जी को सम्मानित किया गया.
सरकार्यवाह ने कहा कि भारतीय समाज की विशेषतायें और अच्छाइयां गांवों में ही दिखती हैं. शहरों में तो सब ओर चकाचौंध दिखाई देती है. पारिवारिक वातावरण गांवों में ही दिखाई देता है. भाईचारे का दर्शन गांवों में ही होता है. उन्होंने कहा कि 1947 के पश्चात शासन में बैठे लोगों की सोच थी कि बड़े-बड़े उद्योग लगाने से ही विकास होगा. भाईचारे की भावना को बनाये रखने की कोशिश नहीं हुई. उद्योग विकसित करते-करते भारत के मूल दर्शन की अनदेखी हुई. परिणाम यह रहा कि विकास की धारा शहरों की ओर मुड़ गई और गांवों की अनदेखी हुई. आज भी बहुत से गांवों में आवागमन की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है.
श्री भय्या जी ने ग्राम विकास की महात्मा गांधी, बिनोवा भावे और जयप्रकाश नारायण की संकल्पना उद्धृत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद बनी सरकारों ने गांवों के विकास की ओर समुचित ध्यान नहीं दिया. आज भी स्थिति यही चल रही है. गावों से शहरों की ओर पलायन इसी का परिणाम है. हालांकि आज भी बहुत से ऐसे युवक हैं जो गांव में ही रहकर गांव के विकास का संकल्प लेकर आगे आ रहे हैं. भाली आनंदपुर में चंद्रशेखर आजाद सेवा समिति की ओर से गांव में चलाये जा रहे प्रकल्प इसका उदाहरण हैं.
गांवों में लगें उद्योग
गांवों की आवश्यकता की पूर्ति के लिये गांवों में ही कुटीर व अन्य उद्योग लगाये जाने पर भैया जी जोशी ने जोर दिया. उन्होंने कहा कि पहले गांववासियों की सभी जरूरत की चीजों की आपूर्ति गांव में ही हो जाती थीं, लेकिन आजादी के बाद उद्योग शहरों के आसपास लगने के कारण परिदृश्य बहुत कुछ बदल गया. ग्रामीणों को हर आवश्यकता के लिये शहर की ओर दौड़ लगाना अपरिहार्य हो गया.
अन्य गांवों को दिशा देगा भाली आनंदपुर
सरकार्यवाह ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि भाली आनंदपुर अन्य गांवों के लोगों को सही दिशा दिखाने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ग्रामवासियों ने अपने प्रयासों से कई सेवा प्रकल्प चलाने के लिये तीन मंजिला भवन का निर्माण किया है, वह सराहनीय है. अन्य गांवों के लोग यहां से सीखकर अपने गांवों में प्रकल्प चलायेंगे. उन्होंने कहा कि इस ग्राम की कीर्ति ही नहीं फैलेगी, बल्कि यह प्रेरणा का केंद्र बनेगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीण संगठित होकर ग्राम विकास के काम में जुटेंगे तो प्रशासन और उद्योगपति खुद साथ चले आयेंगे.
जैविक खेती की ओर मुडऩा होगा
जोशी जी ने कहा कि किसानों को फिर से जैविक खेती की ओर मुडऩा होगा. उन्होंने कहा कि हालांकि हरित क्रांति से बहुत से फायदे हुये, लेकिन नुकसान भी हुआ. फिर से हमें जैविक खेती की ओर रुख करना होगा. कृषि विश्वविद्यालयों को ही नहीं, समाज को भी इस ओर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि हरित क्रांति के कारण कृषि में जहां संकर बीज आये, वहीं रसायनिक खाद की खपत बढ़ी. इससे सिंचाई के लिये अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता पड़ी. अधिक पानी के कारण फसलों में कीट बढ़े तो कीटनाशकों का अधिक उपयोग होना शुरू हुआ. कीट नियंत्रक और कीट नियोजक इसी का दुष्परिणाम हैं. अब कृषि वैज्ञानिक भी अपनी इस गलती को स्वीकारने लगे हैं. नई तकनीक और ज्ञान के अनुप्रयोग से पहले संभाव्य नुकसान के बारे में सोचना होगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को अपनी समस्यायें समझकर उनका समाधान स्वयं निकालना होगा.
शिक्षा और स्वास्थ्य में पिछड़े गांव
उन्होंने कहा कि गांव आज भी शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में पिछड़े हैं. उन्होंने गांव-गांव में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज भी देश में बहुत से ऐसे गांव हैं, जहां स्कूल के लिये भवन तो हैं, लेकिन अध्यापक नहीं हैं. यह व्यवस्था तभी ठीक होगी, जब शिक्षक अपने व्यवसाय को मिशन के रूप में लेंगे. कार्यक्रम की शुरुआत में छात्राओं स्वागत गीत प्रस्तुत किया. महिलाओं ने हरियाणवी लोकगीत के माध्यम से देशभक्ति का संदेश दिया. कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम से हुआ.
भवन लोकार्पण पर हवन का आयोजन
केशव भवन के लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर नवनिर्मित भवन में हवन का आयोजन किया गया. इस दौरान सरकार्यवाह जी ने भी आहुति डाली. हवन में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों के अलावा कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
ये रहे मुख्य रूप से उपस्थित
ग्रामसभा की अध्यक्षता रिटायर्ड डिप्टी कमांडेंट जिले सिंह कुंडू ने की. कार्यक्रम में मुख्य रूप से आरएसएस के उत्तर क्षेत्र के संघचालक माननीय बजरंग लाल गुप्त, प्रांत संघचालक माननीय मेजर (रिटायर्ड) करतार सिंह जी, संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य मधुभाई कुलकर्णी, वेटरनरी साइंस इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर भूपेंद्र सिंह मलिक जी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे.
गांव में चल रहे ये प्रकल्प
शहीद चंद्रशेखर आजाद सेवा समिति की ओर से गांव में कई प्रकल्प चलाये जा रहे हैं. कुछ वर्ष पूर्व गांव में शुरू हुई संघ की शाखा के स्वयंसेवकों ने समिति गठित करके प्रकल्प शुरू किये. गांव में ये प्रकल्प चलाये जा रहे हैं.
- बाल संस्कार केंद्र
- महारानी लक्ष्मीबाई सिलाई केंद्र
- महर्षि दयानंद पुस्तकालय
- लाला हरदयाल पुस्तकालय (बुक बैंक)
- तक्षशिला विद्या केंद्र
- नागार्जुन अध्ययन केंद्र (कोचिंग सेंटर)
- किसान सेवा केंद्र
- छात्रावास
- पर्यावरण जागरूकता के लिये विशेष वृक्षारोपण अभियान